यूपी में एक बार फिर माफिया की अवैध संपत्ति पर प्रशासन का बुलडोजर चला है। कैंट इलाके के फल मंडी रोड पर स्थित बेतियाहाता में माफिया के मैरेज हाउस पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया। आपको बता दे कि, अजीत शाही के खिलाफ गैंगस्टर, हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी समेत अन्य धाराओं में तीन दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। वही 2500 वर्ग फुट जमीन पर माफिया मैरेज हाउस बनाकर चला रहा था। लेकिन, अजीत शाही पर लगातार कसे जा रहे शिकंजे के क्रम में सोमवार को नगर निगम की टीम ने पुलिस की मौजूदगी में यहां बने दो कमरे, रसोई, शौचालय और स्नानघर को तोड़कर जमींदोज कर दिया गया।
नगर निगम की जमीन से हटाया अवैध कब्जा
वही गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर बेतियाहाता दक्षिणी में सोमवार को नगर निगम की 25 डिसमिल जमीन माफिया अजीत शाही के अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया। बीते माह रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस का दबाव बढ़ने के बाद अजीत शाही ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। वर्तमान में वो गोरखपुर जेल में बंद है। माफिया अजीत शाही ने 15 सालों से नगर निगम की जमीन पर अपनी मां, पत्नी के नाम से अवैध तरीके से कब्जा किया गया था। जिसे बुलडोजर से कब्जा मुक्त कराया गया।
पुलिस के शिकंजा के बाद सक्रिय हुआ नगर निगम
आपको बता दे कि, 12 मई 2023 को शाहपुर थाने में बैंक कर्मियों को धमकाने और जबरिया वसूली करने के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने माफिया अजीत शाही पर शिकंजा कसा तो उसके काले कारनामे सामने आने लगे। संपत्ति की जांच कराने पर अवैध कब्जे की जानकारी मिली तो नगर निगम की टीम हरकत में आई। पीएसी व कैंट थाना पुलिस के साथ सोमवार की सुबह 11 बजे अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा माफिया के कब्जे वाले मकान पर पहुंचे। घर में रखा सामान हटवाने के बाद बुलडोजर से मकान और चहारदीवारी को गिरवा दिया।
आपको बता दे कि, मूलत रुदेवरिया जिले के भाटपार रानी के पकड़ी बाबू गांव का रहने वाला अजीत शाही नगर निगम की 10 से 15 करोड़ कीमत की जमीन पर कब्जा कर मैरेज हाल चला रहा था। नगर निगम के अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा के नेतृत्व में जमीन को कब्जा मुक्त कराने की कार्रवाई की गई। अजीत शाही के खिलाफ अजीत शाही और अजीत वीर विक्रम सिंह के छद्म नाम का प्रयोग करने, रंगदारी, धमकी, वसूली और बैंक फ्रॉड का मामला हाल ही में दर्ज हुआ है। इसके अलावा पूर्व में उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, गैंगस्टर समेत कई अन्य धाराओं में तीन दर्जन मुकदमे दर्ज हैं।