Azamgarh News: प्रदेश में नकल माफिया का बड़ा गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा है। आजमगढ़ जिले में चल रही डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (DElEd) की परीक्षा में एसओजी और पुलिस टीम ने मंगलवार को संगठित नकल कराने वाले गिरोह को पकड़ा है। रानी सराय थाने के राजेंद्र स्मारक इंटर कॉलेज सेठवल के प्रिंसिपल, टीचर और विभिन्न स्कूलों के प्रबंधकों समेत 12 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। छापेमारी के दौरान 18 लाख 18 हजार रुपये भी बरामद हुए हैं।
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पुलिस को मिली सफलता
चार-पांच दिन पहले पुलिस को परीक्षा में नकल कराने को लेकर एक गुमनाम चिट्ठी मिली थी। उस चिट्ठी के आधार पर कार्रवाई की पूरी रणनीति तैयार की गई। डीआईजी ने एसपी हेमराज मीणा को इसमें लगाया और उन्होंने एसपी सिटी को नकल माफियाओं को पकड़ने की जिम्मेदारी दी। UPI से पैसे के लेन-देन के सबूत मिलने के बाद छापेमारी की गई और 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रिंसिपल की गाड़ी से बरामद हुई नकदी
आजमगढ़ के एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि राजेंद्र स्मारक इंटर कॉलेज में डीएलएड थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा हो रही थी। इस परीक्षा में संगठित तरीके से नकल करवाई जा रही थी और इसके लिए सभी छात्रों से पैसे लिए गए थे। एसपी सिटी की टीम, तहसीलदार सदर और उप निदेशक की टीम गठित करके जांच कराई गई। जांच में पता चला कि कुछ इनविजीलेटर डीएलएड की परीक्षा में नकल करा रहे थे। छात्रों को रूम में बैठाकर प्रॉपर डाटा डिक्टेशन दिया जा रहा था। मौके पर मिली प्रिंसिपल की गाड़ी की तलाशी ली गई तो उसमें से कुछ पैसे मिले। इसके बाद पूछताछ के बाद कई जगहों पर तलाशी ली गई, जहां से करीब 18 लाख के आसपास नगद धनराशि बरामद हुई है। सभी आरोपियों को कानूनी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाएगा।
पहले भी हो चुकी थी नकल की घटनाएं
एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि थर्ड सेमेस्टर से पहले 8 और 10 अगस्त को फर्स्ट सेमेस्टर के दो एग्जाम में नकल की जानकारी मिली थी, लेकिन कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले थे। अब थर्ड सेमेस्टर में नकल की जानकारी के आधार पर रेड की और नकल माफिया का पर्दाफाश हुआ। इसमें न केवल स्कूल मैनेजमेंट मिला हुआ था, बल्कि कई अन्य लोग भी शामिल हैं। कुल मिलाकर करीब 12 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। टीम अब पूरे मामले की तह तक जाएगी।
पुलिस की सतर्कता से पकड़े गए आरोपी
यह मामला पुलिस की सतर्कता और तत्परता का नतीजा है, जिससे यह संगठित नकल माफिया पकड़ा गया है। पुलिस की इस सफलता से नकल माफिया को बड़ा झटका लगा है और परीक्षा प्रणाली की शुद्धता को बहाल करने में मदद मिलेगी। आगे की जांच में और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। इस घटना ने समाज के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि कैसे शिक्षा प्रणाली में इस प्रकार की नकल माफियाओं की घुसपैठ हो रही है। यह न केवल छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि शिक्षा के मूल्यों को भी गिराने वाला है। ऐसे में समाज को भी सतर्क और सजग रहने की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।