Azam Khan Case: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan Case) को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बुधवार को डूंगरपुर बस्ती को जबरन खाली कराने के मामले में आजम खान समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। यह मामला वर्ष 2019 का है, जब आजम खान पर डूंगरपुर बस्ती को जबरन खाली कराने का आरोप लगा था। आरोप था कि 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान डूंगरपुर बस्ती में कई लोगों के मकान तोड़े गए और उन्हें बेघर किया गया। इस विवाद में लगभग 12 मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनमें आजम खान और उनके करीबी सहयोगी आरोपी थे।
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कोर्ट का फैसला
बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ विजय कुमार ने फैसला सुनाते हुए आजम खान को सभी आरोपों से बरी कर दिया। इस फैसले से पहले, 30 मई 2024 को लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी को झटका लगा था, जब आजम खान को 10 साल की सजा और 14 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया गया था।
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यह थी मुकदमे की पृष्ठभूमि
डूंगरपुर प्रकरण में आरोप था कि सपा सरकार के इशारे पर पुलिस और पार्टी कार्यकर्ताओं ने बस्ती के निवासियों के घरों को जबरन खाली कराया, उनका सामान लूट लिया और मकानों को ध्वस्त कर दिया। इन आरोपों के आधार पर मुकदमे दर्ज किए गए थे, लेकिन बुधवार को कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
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अभियोजन पक्ष की प्रतिक्रिया
जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया कि बुधवार को कोर्ट ने डूंगरपुर से संबंधित एक मामले में अपना फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि वादी इदरीश ने आरोप लगाया था कि 2016 में उसके घर में घुसकर आरोपियों ने उसकी पत्नी के साथ छेड़छाड़ की और घर को जबरन गिरा दिया। लेकिन कोर्ट ने इस मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
केस में शामिल आरोपी
इस मामले में बरी किए गए आरोपियों में आजम खान, पूर्व सीओ आले हसन, बरकत अली ठेकेदार, इमरान, इकराम, और अब्दुल्ला परवेज शम्सी शामिल थे। कोर्ट ने सभी आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए इस विवाद को समाप्त कर दिया। आजम खान को बरी किए जाने का फैसला राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्व रखता है। यह निर्णय न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को सुधारता है, बल्कि समाजवादी पार्टी के लिए भी एक सकारात्मक संकेत हो सकता है।
हालांकि, इस मामले के पीछे की राजनीति और प्रशासनिक पहलुओं पर गौर करना आवश्यक है। इस फैसले के बाद, राजनीति में आजम खान की स्थिति और समाजवादी पार्टी की दिशा पर ध्यान देना होगा। अब देखना यह भी होगा कि आने वाले चुनावों में समाजवादी पार्टी उनके लिए क्या करती है।