RAJASTHAN IMD: दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में मॉनसून ने धोखा दे दिया। शुरुआती दौर में जून- जुलाई में बादल जमकर बरसे। वाले बदरा पूरे अगस्त खामोश रहे। सितंबर के महीने में भी लोगों के शरीर से टप-टप पसीना टपक रहा है। मानसून (monsoon) की बेरूखी से इस साल का अगस्त का महीना अब तक का सबसे सूखा महीना साबित हुआ है। जब अगस्त के महीने में बारिश (Rain) नहीं हुई। बारिश नहीं होने से अगस्त माह में तापमान (temperature) में बढ़ोतरी देखने को मिली और भीषण गर्मी का अहसास हुआ।
राजस्थान में अगस्त सूखा निकलने के बाद अब सितंबर में भी यही स्थिति दिख रही है। सितम्बर के पहले सप्ताह बारिश होने का कोई अनुमान नहीं है। दूसरे सप्ताह में भी हल्की बारिश होने की ही उम्मीद है। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर यही स्थिति रही तो माह के दूसरे सप्ताह से मानसून की विदाई शुरू हो सकती है। मौसम विशेषज्ञों की माने तो बंगाल की खाड़ी में एक नया सिस्टम बन रहा है। उसका प्रभाव केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के जिलों तक की सीमित रहेगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के एरिया सूखे ही रहेंगे। इसके पीछे कारण वेर्स्टन विंड का प्रभाव माना जा रहा है।
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सामान्य से 10 फीसदी ज्यादा बरसात
राजस्थान में अब तक मानसून की स्थिति देखे तो प्रदेश में सामान्य से 10 फीसदी ज्यादा बरसात हो चुकी है। राज्य में एक जून से 2 सितम्बर तक औसत बारिश 380MM होती है, लेकिन इस सीजन अब तक 416.3MM बारिश हो चुकी है।
अगस्त माह में 33 फीसदी बरसात कम
देश में 120 साल बाद ऐसे मौसम (Season) के हालात देखने को मिले है। इस साल का अगस्त का महीना 1901 के बाद अब तक का सबसे सूखा महीना साबित हो रहा। देश में अभी भी सामान्य से कम बारिश हुई है। अगस्त माह में 33 प्रतिशत कम बारिश हुई है जो अब तक के इतिहास में पहली बार देखने को मिली है। इस तरह इस साल अगस्त का महीना सबसे सूखा रहने से भूमि में नमी की मात्रा बहुत कम हो गई है और किसानों को फसलों की अधिक सिंचाई की आवश्यकता है। इस साल मानसून की बारिश (monsoon rain) 9 प्रतिशत कम हो पाई है।
सितंबर माह कितनी हो सकती है बरसात
मानसूनी मॉडल का विश्लेषण के मुताबिक 4 सितंबर के बाद करीब 10 दिन तक इस सीजन में बारिश का अंतिम दौर हो सकता है। वहीं इस बात के भी संकेत हैं कि देश में पश्चिमी भाग में मानसून की विदाई समय से पूर्व हो सकती है। ऐसे में 15 सितंबर को मानसून अलविदा कर सकता है। इस संबंध में मौसम विभाग के वरिष्ठ विज्ञानी के अनुसार मानसून की विदाई की स्थिति अभी अनिश्चित है। सामान्यत: देश में मानसून की विदाई की शुरुआत पश्चिमी राजस्थान से 17 सितंबर से होती है।
स्काईमेट के वाइस प्रेसिडेंट महेश पालावत के अनुसार आमतौर पर 15-20 सितंबर के आसपास मानसून की वापसी शुरू हो जाती है। लेकिन पिछले 4 साल से सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। हालांकि इस बार आशंका है कि सितंबर में पूर्वी और उत्तरी राज्यों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है।