लखनऊ संवाददाता- Owais
Uttar Pradesh: आजमगढ़ में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का भंड़ाफोड़ यूपी एटीएस की टीम ने किया। इस दौरान एटीएस ने कुल 6 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया हैं, इन आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में भारतीय और नेपाली मोबाइल सिम और 21 राउटर समेत कई अन्य उपकरण बरामद किया हैं।
यूपी एटीएस की टीम ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों से स्थानीय पुलिस के साथ दबिश देकर छह शातिरों को गिरफ्तार करने के साथ ही टेलीफोन एक्सचेंज में प्रयुक्त होने वाले उपकरण, सिम, लैपटॉप, टेबलेट, राउटर आदि भी बरामद किया, इस टेलीफोन एक्सचेंज से वीपीएन की मदद से इंटरनेशनल कॉल कराई जाती थी, यूपी एटीएस को इस बात की सूचना मिल रही थी, कि आजमगढ़ जिले में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज से गेटवे को बाईपास कर इंटरनेशनल कॉल कराई जाती है। जिससे कॉलर की पहचान नहीं हो पाती, और राजस्व का भी नुकसान होता हैं। तफ्तीश में पुष्टि होने के बाद यूपी एटीएस की टीम रविवार रात में ही आ गई थी।
Read more: खेत में अर्धनग्न अवस्था में मिला महिला का शव
एटीएस ने दीवान बसर खां को गिरफ्तार किया
शहर कोतवाली के कोट बाजबहादुर निवासी फारूख करीम और कुरैशनगर निवासी मुन्ना कुरैशी को गिरफ्तार किया, इसके बाद टीम सिधारी थाना क्षेत्र के बबुआना पहुंची और दीवान बसर खां को गिरफ्तार किया। इसी थाना क्षेत्र के गुरेडीह खालसा गांव निवासी नदीम अहमद, निजामाबाद थाना क्षेत्र के हुसामपुर बड़ागांव निवासी कलीम अहमद और गंभीरपुर थाना क्षेत्र के च्यूटहीं निवासी शमीम को सरायमीर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया।
इन सभी के पास से एटीएस की टीम ने सात सिम बॉक्स, 234 प्री-एक्टीवेटेड भारतीय सिम, नौ प्री-एक्टीवेटेड नेपाली सिम, 79 स्मार्ट फोन, तीन लैपटॉप, एक टेबलेट, एक सीपीयू और 21 राउटर-मॉडम बरामद किया। पकड़े गए सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित थानों में मुकदमा दर्ज कराया गया। इस गिरोह में अभी और लोगों के भी शामिल होने की आशंका हैं। एटीएस की दबिश जारी हैं।
आरोपियों ने बताया
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि देश में प्रतिबंधित एप्लीकेशन को वीपीएन के माध्यम से मोबाइल पर डाउनलोड कर भारतीय मोबाइल नंबरों से वर्चुअल नंबर जनरेट किया जाता हैं। इन वर्चुअल नंबरों के माध्यम से इंटरनेट के द्वारा मोबाइल को नोड बनाकर इंटरनेशनल कॉलिंग कराई जाती हैं। इस प्रकार की कॉलिंग किसी भी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के गेटवे पर दर्ज नहीं होती, इसमें कॉल करने वाले और रिसीव करने वाले की पहचान नहीं होती हैं।