मुंबई। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने आज यहां कहा कि एक विधायक से उसके क्षेत्र की जनता की बहुत अपेक्षाएं होती हैं। हम सब उसके लिए काम करते हैं, इसलिए उसका अपने विधायक पर विश्वास होता है और वह अपने विधायक से हर तरह की अपेक्षाएं करती है। जब हम उनकी अपेक्षाएं पूरी नही हो पाती है, तब उसे निराशा होती है।
महाना ने यह बातें जियो कन्वेंशन सेंटर में आयोजित तमिलनाडु, पुद्दुचेरी, दिल्ली, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र के विधायकों से पैनल डिस्कशन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि हम जनता के लाभ के लिए काम करते हैं। इसलिए वह हमे सदन भेजती है। इसलिए सदन में अपनी प्रतिभा का उपयोग करके जनहितों के लिए काम करना चाहिए। जब भी सदन की कार्यवाही में उपस्थित हो तो नियमावली की पूरी जानकारी के साथ आए और सदन में जब भी मौका मिले अपनी बात जरूर रखे। कार्य पालिका से विधाइका की भूमिका उपर होती है। साथ ही यह भी कहा कि संविधान में एक सीमा तक ही सभी को अधिकार मिले है उन अधिकारों के अंदर ही सबको अपनी भूमिका निभानी होती है।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश विधान सभा में महिलाओं के लिए बुलाए गए एक दिन के विशेष सत्र के साथ ही विधायकों के “संवाद कार्यक्रम” का भी जिक्र किया जिसे दूसरे राज्यों के विधायकों ने सराहा। महाना ने कहा हमारा प्रयास है कि यूपी के प्रति जो देश में अब तक नकारात्मक धारणा बनी हुई थी, वह अब बदल रही है। अब सदन स्थगित नही होता है, चार सत्रों में अब तक केवल एक बार 36 मिनट ही सदन को स्थगित करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि देश को यह बताने का प्रयास किया है कि अब उत्तर प्रदेश की विधानसभा में एक से बढ़कर एक योग्य विधायक है।
इससे पहले इस सत्र के उद्घाटन अवसर पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपाला स्वामी ने भी अपने विचार रखे और यू.पी. विधानसभा की चर्चा की। कार्यक्रम में नोट्रे डेम यूनिवर्सिटी अमेरिका की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुशैन ओस्टरमन, नेशनल कांफ्रेंस ऑफ़ स्टेट लेजिस्लेटर्स यू एस ए के जॉन महोनी ने भी संबोधित किया। इस मौके पर उपस्थित पुद्दुचेरी के विधानसभा अध्यक्ष आर सेल्वम भी उपस्थित थे। सेल्वम ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना को अपने प्रदेश आने का आमंत्रण भी दिया।