Dhar Bhojshala Dispute:UP के ज्ञानवापी में एएसआई की सर्वे के बाद अब मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित विवादास्पद भोजशाला का सर्वे करना पहुंच गए हैं। दरअसल भोजशाला/कमाल मौला मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है, जिसके बाद एएसाई टीम आज सुबह तड़के ही मौके पर पहुंची, वहीं एएसआई ने ये कदम एमपी हाईकोर्ट के आदेश के बाद उठाया है, इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बताया जा रहा है कि भोजशाला का विवाद तकरीबन 1000 साल से चल रहा है। जिसको हिंदू पक्ष का दावा है कि जिसे सन 1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था।
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सर्वेक्षण टीम इन चीजों का करेगी जांच?
वहीं इंदौर संभागीय आयुक्त के साथ-साथ धार के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को लिखी चिट्ठी में, एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने स्थानीय अधिकारियों से साइट का ‘पुरातात्विक सर्वेक्षण/वैज्ञानिक जांच/खुदाई’ करने के हाई कोर्ट की इंदौर पीठ के आदेश के अनुपालन में साइट तक सुरक्षित पहुंच प्रदान करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद आज जब टीम साइट पर पहुंची तो उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई।
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1000 साल से चल रहा विवाद
आपको बता दें कि सर्वे की टीम यह देखना चाहती है कि आखिर इस भोजशाला को कब बनाया गया था, इसी के साथ ही जब उसका निर्माण हुआ तो उस वक्त भोजशाला का आकार कैसा था, इसके अलावा इसका निर्माण किस शैली में किया गया है, वहीं भोजशाला के निर्माण कार्य में किन पत्थरों के इस्तेमाल किए गए और उस पर क्या कुछ निशान थे। वहीं भोजशाला में खुदाई और सर्वेक्षण के बाद टीम अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपेगी, बताया जा रहा है कि भोजशाला का विवाद तकरीबन 1000 साल से चल रहा है।
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सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मुस्लिम पक्ष के लोग
भोजशाला पर विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है, मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल की है और हाई कोर्ट द्वारा ASI को सर्वे के लिए दिए गए आदेश पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है, मुस्लिम पक्ष शुक्रवार को ही याचिका पर सुनवाई का आग्रह भी करेगा।
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हिंदू पक्ष का दावा
वहीं इस भोजशाला को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि पहले वहां हिंदू मंदिर (वाग्देवी) हुआ करता था, इस साल 1030 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए उस स्थान पर भोजशाला का निर्माण करवाया था लेकिन, बाद में मुस्लिम आक्रांताओं ने उसे तोड़कर वहां मस्जिद बनवा दिया।