Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है. केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जमानत पर रोक लगाने के फैसले को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पहले हाई कोर्ट (Delhi High Court) से अर्जी वापस ली जाए, फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को फिर से सुनवाई करने के लिए कहा है.
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कोर्ट ने सुनवाई के दौरान क्या कहा ?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान, केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाई कोर्ट का स्टे न्याय प्रक्रिया का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि अगर जमानत रद्द होती है तो केजरीवाल को वापस जेल जाना होगा. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि जब हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, तो अभी कोई दखल देना उचित नहीं है. कोर्ट ने कहा कि जब तक हाई कोर्ट (Delhi High Court) का आदेश नहीं आ जाता, तब तक स्थिति यथावत रहेगी.
केजरीवाल के वकील ने कोर्ट में दी दलीलें
बताते चले कि केजरीवाल के वकील ने यह भी दलील दी कि अगर दिल्ली हाई (Delhi High Court) कोर्ट बिना ऑर्डर कॉपी अपलोड हुए स्टे लगा सकता है, तो सुप्रीम कोर्ट भी ऐसा कर सकता है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश बिना कारण बताए ही स्थगन किया गया, जो न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है.
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दिल्ली शराब नीति 2021-22 और कथित घोटाला
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया था, जिसके तहत शराब का कारोबार निजी हाथों में सौंप दिया गया था. सरकार का दावा था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी. लेकिन यह नीति विवादों में रही और 28 जुलाई 2022 को इसे रद्द कर दिया गया. कथित शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था, जिसमें मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. इसके बाद सीबीआई और ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की.
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बुधवाई को होगी अगली सुनवाई
मुख्य सचिव ने आरोप लगाया था कि नई नीति के तहत लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इस मामले की अगली सुनवाई बुधवार को करेगा, जिससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) का आदेश भी आने की उम्मीद है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.