लखनऊ संवाददाता- Mohd kaleem…
लखनऊ: यूपी एटीएस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए लिए एजेंट बनाने का काम करने वाले अरमान को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। अरमान ने ही पिछले दिनों गिरफ्तार गोंडा निवासी रईस को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के लिए आईएसआई का एजेंट बनाया था। रईस के बयान के आधार पर ही एटीएस ने जांच पड़ताल कर अरमान और उसके गोंडा निवासी साथी सलमान को गिरफ्तार किया।
अरमान पेशे से प्लम्बर है…
एटीएस के मुताबिक रईस के बयानों के आधार पर मुंबई इनकम टैक्स कॉलोनी, मेगबाड़ी रोड, जोगेश्वरी ईस्ट निवासी रईस और गोंडा के दुआवा मौजा धनेश्वरपुर निवासी मो. सलमान सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया। इन्हें राईस जासूसी करने के एवज में मिलने वाली पाकिस्तानी एजेन्टों से मिलने वाले पैसे सलमान द्वारा रईस के बैंक खाते ने जमा कराता था। अरमान पेशे से प्लम्बर है, और सलमान पुताई का काम करता था।
ट्रांजिट रिमांड लेकर लखनऊ लाई…
एटीएस टीम ने यह गिरफ्तारी पूछताछ में रईस के बयान के आधार पर मुंबई गई। जहां 16 जुलाई को दोनों को गिरफ्तार कर मुंबई में कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड लेकर लखनऊ लाई। जहां कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। जासूसी के इस नेटवर्क को संचालित करने वाले अन्य सदस्यों की धरपकड़ और जानकारी के लिए दोनों की पुलिस कस्टडी रिमाण्ड के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया है। दूसरी तरफ कोर्ट की अनुमित से इनके पास से बरामद मोबाइल फोन को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा।
ISI हैंडलर्स को उपलब्ध करवा रहा है…
एटीएस की जांच में सामने आया है कि गोंडा तरबगंज के दीनपुरवा गांव निवासी मो. रईस ISI का सक्रिय एजेंट है। वह देश की सुरक्षा से जुडी महत्त्वपूर्ण और गोपनीय सूचनाओं को ISI हैंडलर्स को उपलब्ध करवा रहा है। इसके बदले में पैसे भी लेता आया है। जिसे रईस ने पूछताछ के दौरान स्वीकार भी किया। उसने बताया कि कुछ वर्ष पहले मुम्बई में प्राइवेट काम करता था जहाँ उसकी मुलाकात अरमान नाम के एक व्यक्ति से हुई।
अरमान ने भारत में मुस्लिमों पर हो रहे जुल्म और बाबरी मस्जिद की शहादत का जिक्र करते हुए बरगलाया और भारत के विरुद्ध जासूसी करने के लिए उकसाया। इस दौरान अरमान से उसने सऊदी अरब जाकर काम करने की इच्छा जाहिर की। इस पर अरमान ने कहा कि मैं तुम्हारा नम्बर पाकिस्तान के एक व्यक्ति को दे दूंगा। वह तुम्हें कॉल करेगा और अगर तुम उसके यकीन पर खरे उतर गए तो वह तुम्हारी जिंदी बदल देगा। न पैसे की कमी रहेगी न ही नौकरी की। साथ ही तुम्हें कॉम के विरोधियों के खिलाफ बदला लेने का मौका देगा।
पाकिस्तानी जासूस है…
रईस ने पूछताछ में बताया कि करीब एक साल पहले (2022) में एक व्यक्ति ने विदेशी नम्बर से वाट्सएप कॉल की और अरमान का जिक्र करते हुए हुसैन नाम बताकर की। अरमान ने ही एक बार हुसैन के बारे में बताते हुए कहा था कि हुसैन तुमसे बात करेगा और बताएगा कि क्या करना है। इसके बाद से रईस और हुसैन की आपस में बातें होने लगी। हुसैन ने यह भी बताया कि वह पाकिस्तानी जासूस है और मुझे भी आपसे साथ काम करने के लिए प्रेरित किया।
सैन्य छावनियों और प्रतिष्ठानों के सम्बंध…
इस काम के बदले में हुसैन ने पैसे देने का वादा किया था। हुसैन ने उसको कुछ महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों कि तस्वीरें और और उनसे संबन्धित संवेदनशील सूचनाएँ भेजने के लिए कहा था। इसके चलते हमने अपने दोस्त सलमान व अन्य को भी ISI के एजेंट्स के कहने पर अपने जासूसी के काम मे सम्मिलित किया। इन दोस्तों से उसकी मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार और बाबरी मस्जिद की शहादत के संबंध में पहले भी बात होती रहती थी। जिसके बाद उनकी मदद से सैन्य छावनियों और प्रतिष्ठानों के सम्बंध में महत्वपूर्ण सूचनाएँ और तस्वीरें एकत्र कार पाकिस्तानी जासूसों को भेज दिया। जिसके एवज में पाकिस्तानी जासूसों द्वारा रईस को 15000 रुपए मिले थे।