April Vrat Tyohar 2025: अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार विशेष महत्व रखते हैं। यह महीना धार्मिक अवसरों, उपवास और पूजा की परंपराओं से भरा हुआ है। अप्रैल 2025 में विभिन्न व्रतों और त्योहारों की सूची है, जिनमें से हनुमान जयंती और अक्षय तृतीया प्रमुख हैं। आइए जानते हैं अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में विस्तार से।
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हनुमान जयंती 21 अप्रैल 2025 (सोमवार)
हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्म का पर्व है, जो हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा, उपासना और उनके अद्भुत बल, साहस, भक्ति और शौर्य की याद दिलाता है। हनुमान जयंती के दिन भक्तों द्वारा व्रत, मंत्र जाप और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। इस दिन हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना होती है और भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है।
अक्षय तृतीया 29 अप्रैल 2025 (मंगलवार)
अक्षय तृतीया को ‘अखंड तृतीया’ भी कहा जाता है और यह पर्व विशेष रूप से शुभ होता है। इसे भारतीय संस्कृति में सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन से जुड़े व्रत और पूजन का महत्व भी बहुत अधिक है। इसे सोने, चांदी और अन्य आभूषणों की खरीदारी का सर्वोत्तम दिन माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से यह दिन भगवान विष्णु, भगवान गणेश और विशेष रूप से सत्यनारायण भगवान की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन भक्त अपने घरों में पूजा करते हैं और इस दिन को विशेष रूप से पुण्य का दिन मानते हैं।
पार्वती व्रत 10 अप्रैल 2025 (शुक्रवार)
पार्वती व्रत का आयोजन विशेष रूप से देवी पार्वती की पूजा के लिए किया जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा रखा जाता है ताकि वे सुखमय जीवन और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। यह व्रत कई स्थानों पर विशेष रूप से मार्च-अप्रैल के महीने में आयोजित किया जाता है।
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नवरात्रि 1 अप्रैल 2025 से 9 अप्रैल 2025 तक
नवरात्रि का पर्व अप्रैल के पहले सप्ताह में मनाया जाएगा। नवरात्रि देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का पर्व है। इस दौरान उपवास, भक्ति, व्रत और अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है। नवरात्रि के पहले तीन दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा रूप की पूजा होती है, जबकि अगले तीन दिन मां कात्यायनी, कालरात्रि और महागौरी की पूजा होती है। अंतिम तीन दिन मां सिद्दिदात्री, लक्ष्मी और सरस्वती के रूपों की पूजा होती है।
राम नवमी 11 अप्रैल 2025 (शुक्रवार)
राम नवमी भगवान श्रीराम के जन्म का उत्सव है। इसे चैत्र माह के नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से राम जी की पूजा की जाती है और रामायण का पाठ किया जाता है। राम नवमी के दिन उपवास और भक्ति भाव से पूजा करना शुभ माना जाता है।
सिंहस्थ कुम्भ 6 अप्रैल 2025 (रविवार)
सिंहस्थ कुम्भ एक विशेष कुम्भ मेला है, जो हर 12 वर्षों में हरिद्वार, उज्जैन, नासिक, और प्रयागराज में आयोजित होता है। इस दिन विशेष रूप से स्नान और दान करने की परंपरा है, जो पापों को धोने और पुण्य अर्जित करने का अवसर प्रदान करती है।