भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में शक्तिकांत दास की जगह पर नया गवर्नर नियुक्त किया है। संजय मल्होत्रा, जो वर्तमान में राजस्व सचिव के पद पर कार्यरत हैं, को यह प्रतिष्ठित पद तीन साल की अवधि के लिए दिया गया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मल्होत्रा रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में बुधवार से अपना कार्यभार संभालेंगे।
संजय मल्होत्रा की नियुक्ति कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा मंजूरी प्राप्त करने के बाद की गई है। उनकी नियुक्ति से पहले, शक्तिकांत दास RBI के गवर्नर थे, जिनका कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। दास ने हाल के दशकों में RBI गवर्नर के रूप में पांच साल से अधिक समय तक कार्य किया, जो 1960 के दशक से सामान्यतः निर्धारित अधिकतम कार्यकाल से लंबा था।संजय मल्होत्रा की नियुक्ति अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण मोड़ पर हुई है, जहां वे भारतीय रिजर्व बैंक के नेतृत्व में केंद्रीय बैंक की नीतियों और वित्तीय प्रबंधन को दिशा देंगे।
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कौन है संजय मल्होत्रा?
संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर से कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, USA से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री की है।संजय मल्होत्रा ने 33 वर्षों से अधिक की सेवा के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण नेतृत्व का प्रदर्शन किया है, जिनमें बिजली, वित्त और कराधान, सूचना प्रौद्योगिकी और खनिज जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।
वित्त मंत्रालय में सचिव (राजस्व) के रूप में सेवा देने से पहले, उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव का पद भी संभाला था।मल्होत्रा को राज्य और केंद्र सरकार दोनों स्तरों पर वित्त और कराधान के क्षेत्र में व्यापक अनुभव और विशेषज्ञता हासिल है। उनकी नियुक्ति भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर के रूप में उनके विशेषज्ञता और प्रबंधन कौशल के कारण महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
कैसा रहा शक्तिकांत दास का सफ़र?
शक्तिकांत दास का भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर के रूप में सफ़र काफी महत्वपूर्ण और प्रभावशाली रहा है। उन्हें दिसंबर 2018 में तीन साल के लिए RBI के 25वें गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया था, और बाद में 2021 में उनके कार्यकाल को तीन साल के लिए बढ़ा दिया गया।दास ने 12 दिसंबर, 2018 को उर्जित पटेल का स्थान लिया था, जो उस समय RBI के गवर्नर थे। शक्तिकांत दास की नियुक्ति तब हुई थी जब भारतीय अर्थव्यवस्था को कई वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था, और उनका नेतृत्व कई अहम आर्थिक फैसलों और नीतियों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।
महामारी के दौरान आर्थिक नीतियों पर किया काम
उनके कार्यकाल में, उन्होंने मुद्रा नीति, बैंकों के संकटों और कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक राहत उपायों जैसी महत्वपूर्ण आर्थिक नीतियों पर काम किया।उनके नेतृत्व में, RBI ने कई मौद्रिक नीतियों और सुधारों की दिशा में कदम उठाए, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और विकास में सहायक साबित हुए। शक्तिकांत दास का कार्यकाल भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में जाना जाएगा।
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तमिलनाडु कैडर के IAS अधिकारी
शक्तिकांत दास, जो तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं, ने अपनी करियर में कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है। उन्होंने आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव और उर्वरक सचिव के रूप में काम किया और इन भूमिकाओं में उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था और सरकारी नीतियों को मजबूत बनाने में योगदान दिया।
इसके अलावा, दास ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (ADB), नई विकास बैंक (NDB) और एशियाई इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) में भारत के वैकल्पिक गवर्नर के रूप में भी कार्य किया है, जहां उन्होंने वैश्विक वित्तीय नीतियों और विकास योजनाओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया।तमिलनाडु सरकार में, उन्होंने प्रमुख सचिव (उद्योग), विशेष आयुक्त (राजस्व) और सचिव (राजस्व) जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर भी कार्य किया, जहां उन्होंने राज्य के उद्योगों और राजस्व मामलों के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई।
शैक्षणिक योग्यता
शक्तिकांत दास का शैक्षिक पृष्ठभूमि भी प्रभावशाली है। उनका जन्म भुवनेश्वर में हुआ था और उन्होंने अपनी स्नातक और मास्टर डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में प्राप्त की। उनके मजबूत शैक्षिक आधार और प्रशासनिक अनुभव ने उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर के रूप में प्रभावी नेतृत्व प्रदान किया।
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केंद्रीय बैंकर के रूप में किया गया नामित
हाल ही में शक्तिकांत दास को ग्लोबल फाइनेंस द्वारा 2024 में लगातार दूसरे वर्ष शीर्ष केंद्रीय बैंकर के रूप में नामित किया गया है। यह मान्यता उनके प्रभावशाली नेतृत्व के कारण मिली, विशेष रूप से जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण समय में स्थिरता और मजबूती बनाए रखी। उनके नेतृत्व के लिए ए+ रेटिंग दी गई, जो उनके निर्णय लेने की क्षमता और RBI के संचालन की दक्षता का प्रमाण है।शक्तिकांत दास का यह सम्मान इस बात का भी प्रतीक है कि उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को कई कठिन परिस्थितियों में संभालने और उसे सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर कोविड-19 महामारी के बाद की अवधि में।