Bangladesh Violence: बांग्लादेश (Bangladesh) में आरक्षण के खिलाफ लाखों छात्र ढाका में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बढ़ते विरोध को देखते हुए सरकार ने फिर से कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है. देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा भड़कने के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने सख्त रुख अपनाया है. आज उन्होंने स्पष्ट कहा कि विरोध के नाम पर तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र नहीं, बल्कि आतंकवादी हैं, और ऐसे तत्वों से कड़ाई से निपटने की आवश्यकता है.
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प्रधानमंत्री शेख हसीना का बयान
बताते चले कि प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा, “मैं देशवासियों से इन आतंकवादियों का सख्ती से दमन करने की अपील करती हूं.” ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना ने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने यह बयान दिया. इस बैठक में सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के प्रमुख और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी उपस्थित थे. प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार और गृह मंत्री भी इस बैठक में शामिल थे.
विवादास्पद कोटा प्रणाली का विरोध
आपको बता दे कि बांग्लादेश (Bangladesh) में मौजूदा समय में प्रदर्शनकारी विवादास्पद कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग कर रहे हैं. इस प्रणाली के तहत 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के योद्धाओं के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण दिया जाता है. छात्रों के इस आंदोलन में अब सेना के कुछ भूतपूर्व अधिकारी भी शामिल हो गए हैं, जिससे आंदोलन और भी व्यापक हो गया है.
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भारत की सतर्कता और हिंसा में मौतें
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंसा और बवाल के बीच भारत ने वहां रह रहे हिंदुस्तानियों से सतर्क रहने और संपर्क में रहने की सलाह दी है. भारत सरकार ने इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. हाल ही में बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच ताजा झड़पों में कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए. स्थानीय मीडिया के अनुसार, रंगपुर में चार अवामी लीग समर्थक मारे गए और 100 से अधिक लोग घायल हो गए, जबकि बोगरा और मगुरा में दो-दो लोग मारे गए, जिनमें एक छात्र दल का नेता भी शामिल हैं.
हिंसा और अशांति का माहौल
बांग्लादेश (Bangladesh) में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन ने व्यापक रूप धारण कर लिया है, जिससे देश में हिंसा और अशांति का माहौल बन गया है. प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) का सख्त रुख और सुरक्षा बलों की सक्रियता इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अहम कदम हैं. प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग और सरकार के बीच का यह संघर्ष आगे क्या रूप लेगा, यह देखने योग्य होगा. इस बीच, भारत समेत अन्य देशों के नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
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