हरदोई संवाददाता- Harsh Raj
Hardoi: हरदोई में आज हरियावां थाने में तैनात एक दरोगा को एंटी करप्शन टीम ने दस हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। बताते चले कि रामअशीष सब इंस्पेक्टर थाना हरियावां में विवेचना में एक आरोपी का नाम निकालने के बदले वह दस हजार रुपए की मांग कर रहे थे।
हरियावां थाने के गुलरिया गांव निवासी इकबाल ने बताया कि गांव के ही मोमिना के साथ उसकी मां फिरोजा का झगड़ा हुआ था। बकरी के विवाद को लेकर दोनों लोग झगड़ गए थे, जिसके बाद मोमीना ने एक एनसीआर 12 अगस्त को दर्ज कराई। जिसमें इकबाल, उसके पिता बशीर, माता फिरोजा और बहन सालिहा को आरोपी बनाया था। 13 तारीख को फिरोजा ने भी एक एनसीआर दर्ज कराई जिसमें मोमिना, उसका पति करीम और बेटे यूसुफ को आरोपी बनाया था। इकबाल ने बताया घटना के रोज वह हरियाणा राज्य के सोनीपत जनपद में था। बावजूद इसके उसको आरोपी बना दिया गया। मामूली से घटना में कूट रचित दस्तावेजों का प्रयोग करके भारतीय दंड संहिता की धारा 308 दर्ज कर दी गई।
Read more: अमेरिकी डॉक्टर ने किया चमत्कार, मनुष्य के अंदर धड़का सुअर का दिल….
अफसरों के लगाए चक्कर नहीं मिला न्याय
इकबाल ने बताया घटना की सूचना मिलने के बाद उसने लोकल पुलिस से संपर्क किया। डीएम, एसपी सहित तमाम माला अधिकारियों के चक्कर लगाए लेकिन किसी ने भी उसकी एक न सुनी। जिसके बाद 21 सितंबर को उसने एंटी करप्शन विभाग को गोपनीय सूचना देकर विवेचनाधिकारी रामाशीष सिंह द्वारा 20 हजार की मांग किए जाने और मुकदमे से उसका नाम निकाले जाने की बात बताई। इसके बाद एंटी करप्शन की टीम आज हरदोई पहुंची।
एंटी करप्शन टीम ने उसे धर दबोचा
पहले दरोगा ने पीड़ित इकबाल को पुलिस लाइन बुलाया। लेकिन जब तक वहां पहुंचता तब तक दरोगा कोतवाली देहात इलाके के पोखरी तिराहे पर पहुंच चुका था। जहां उसने टीम द्वारा दिए 10 हजार रुपए दरोगा रामाशीष को दिए। जैसे ही रामाशीष ने वह पैसे अपनी जेब में रखें एंटी करप्शन टीम ने उसे धर दबोचा है। पूरी कार्यवाही निरीक्षक नुरुल हुदा खान के नेतृत्व में हुई। उन्होंने कहा विधिक कार्रवाई की जा रही है।