Anshuman Gaekwad Passed Away:कोच और चयनकर्ता के रूप में योगदान: क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, गायकवाड़ ने भारतीय टीम के कोच के रूप में कार्य किया। 1997 से 1999 तक और फिर 2000 में कुछ महीनों के लिए उन्होंने यह जिम्मेदारी निभाई। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने खिलाड़ियों के कौशल को निखारने और टीम को सामूहिकता के साथ खेलने पर जोर दिया।
वे 1992 से 1996 तक राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे और कई युवा प्रतिभाओं को पहचानने और मौका देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।भारतीय क्रिकेट जगत में गहरा शोक है। पूर्व भारतीय कोच अंशुमन गायकवाड़ का बुधवार को निधन हो गया। वे 71 वर्ष के थे और लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। उनका इलाज लंदन के किंग्स कॉलेज अस्पताल में चल रहा था।
पीएम मोदी ने जताया दुख
इस बीच अंशुमान गायकवाड़ के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है।एक्स पर उन्होंने लिखा, श्री अंशुमान गायकवाड़ जी को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। वे एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी और एक बेहतरीन कोच थे। उनके निधन से बहुत दुख हुआ. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।
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जय शाह ने शोक व्यक्त किया
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने अंशुमन गायकवाड़ के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “श्री अंशुमन गायकवाड़ के परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। संपूर्ण क्रिकेट जगत के लिए यह एक हृदयविदारक क्षण है। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
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कोच और चयनकर्ता के रूप में योगदान
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, गायकवाड़ ने भारतीय टीम के कोच के रूप में कार्य किया। 1997 से 1999 तक और फिर 2000 में कुछ महीनों के लिए उन्होंने यह जिम्मेदारी निभाई।
उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने खिलाड़ियों के कौशल को निखारने और टीम को सामूहिकता के साथ खेलने पर जोर दिया। वे 1992 से 1996 तक राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे और कई युवा प्रतिभाओं को पहचानने और मौका देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
करियर पर एक नजर
भारत के लिए अंशुमान गायकवाड़ ने 40 टेस्ट और 15 वनडे खेले. टेस्ट में 2 शतक और 10 अर्धशतक लगाते हुए 1985 रन उन्होंने बनाए। उनकी सर्वाधिक 201 रन की पारी पाकिस्तान के खिलाफ आई थी। वनडे में उन्होंने 269 रन बनाए। 1997-99 के बीच वे भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रहे थे। इसके बाद वे कुछ समय के लिए केन्या के भी कोच रहे थे।