Tamil Nadu: देश में मोदी सराकर के आने के बाद से ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की कोशिश की जा रही है। केंद्रीय जांच एजेंसिया भ्रष्टाचारियों का पर्दाफाश करने में किसी भी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ रही है। फिर चाहे दिल्ली में शराब घोटाला ही क्यों न हो। हाल ही में भष्टाचार से जुड़ा एक मामला तमिलनाडु से सामने आया है।
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DMK को लगा बड़ा झटका
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) को बड़ा झटका लगा है। बता दे कि मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा और 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यही नहीं इसी मामले में पोनमुडी की पत्नी विशालाक्षी को भी दोषी ठहराया गया है। हालांकि, कोर्ट ने फैसले के अमल पर 30 दिन तक के लिए रोक लगा दी है।
जानें क्या है पूरा मामला?
ये मामला अभी का नहीं बल्कि ये मामला साल 2006 से 2011 के बीच का है। तब पोनमुडी खनिज मंत्री के पद पर थे। आरोप है कि पोनमुडी ने खदान लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन किया, जिससे सरकारी खजाने को 28 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। पोनमुडी पर अपने बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए खनन लाइसेंस प्राप्त करने और तय सीमा से अधिक बालू के उत्खनन करने का भी आरोप है। इस संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
28 जून को बरी हो गए थे पोनमुडी
जिसके बाद इस मामले पर 28 जून को वेल्लोर की सत्र अदालत ने पोनमुडी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इसके बाद मद्रास हाई कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए अगस्त में पुनर्विचार करने का फैसला लिया था। 19 दिसंबर को हाई कोर्ट ने पोनमुडी को दोषी करार दिया था, लेकिन सजा का ऐलान नहीं किया था। आज (21 दिसंबर) को पोनमुडी को 3 साल की जेल और दंपति पर 50-50 लाख का जुर्माना लगाया है।
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पोनमुडी की विधायकी पर खतरा
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के मुताबिक, कम से कम 2 साल की सजा होने पर एक सांसद या विधायक को अयोग्य घोषित किया जा सकता है। भ्रष्टाचार के मामलों में सजा की तारीख से ही अयोग्य ठहराया जा सकता है। इस आधार पर पोनमुडी की विधायकी जाना लगभग तय है। हालांकि, इस संबंध में विधानसभा सचिवालय द्वारा अभी तक नोटिस जारी नहीं किया गया है। पोनमुडी के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प भी है।
आखिर कौन हैं पोनमुडी?
पोनमुडी का तालुकात राजनीतिक क्षेत्र से है। ये विल्लुपुरम जिले के रहने वाले है। इन्होंने राजनीति विज्ञान में PhD की है। उन्होंने कुछ समय के लिए बतौर प्रोफेसर पद पर भी काम किया है। बाद में वे DMK से जुड़ गए और 1989 में विल्लुपुरम से पहली बार विधायक बने। वे फिलहाल कल्लाकुरिची जिले के तिरुक्कोयिलुर सीट से विधायक हैं। वे राज्य में शिक्षा के अलावा खनिज, परिवहन और स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं। 6 बार के विधायक पोनमुडी की अल्पसंख्यक वोटों पर खासी पकड़ मानी जाती है।
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