Jhansi Hospital Fire: झांसी (Uttar Pradesh) में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) वार्ड में आग लगने की घटना में एक और नवजात की मौत हो गई है। इससे मरने वालों की संख्या 11 हो गई है। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि इस नवजात की मौत आग से नहीं, बल्कि पहले से मौजूद बीमारी के कारण हुई है। दूसरी ओर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और प्रशासन से जवाब मांगा है।
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आग लगने से अब तक 11 नवजातों की मौत
यह घटना शुक्रवार रात को हुई थी जब NICU में अचानक आग लग गई। आग की चपेट में आकर 10 नवजातों की तत्काल मौत हो गई थी। जबकि, 39 बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया और उन्हें अन्य अस्पतालों में भर्ती किया गया। रविवार को जो नवजात की मौत हुई, प्रशासन के अनुसार, वह पहले से बीमार था और आग के दौरान उसे जलने का कोई असर नहीं हुआ।
NHRC का संज्ञान
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने झांसी अस्पताल की आग की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन मानते हुए इसे शीघ्र रिपोर्ट करने के लिए कहा है। आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को एक सप्ताह के भीतर इस घटना पर लापरवाही की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। NHRC ने घटना के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की पूरी जांच की आवश्यकता पर जोर दिया और यह भी पूछा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है।
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मृतकों के परिजनों को मुआवजा
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के बाद मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही, घायल बच्चों के परिजनों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। अब तक, 9 मृतक बच्चों के परिजनों के बैंक खातों में सहायता राशि भेजी जा चुकी है। एक बच्चे के परिवार का खाता न होने के कारण अभी तक मुआवजा भेजा नहीं जा सका है, लेकिन जैसे ही उनका खाता खोला जाएगा, राशि जारी कर दी जाएगी।
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रेस्क्यू ऑपरेशन और शिफ्ट किए गए बच्चे
अग्निकांड के बाद हुए रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। इनमें से 39 बच्चों को पास के पीकू वार्ड, जिला अस्पताल, नर्सिंग होम और मऊरानीपुर सीएचसी में शिफ्ट किया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर ने बताया कि रविवार को जिन नवजात की मौत हुई, वह पहले से ही गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती था और उसकी मौत की वजह बीमारी थी, न कि आग।
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प्रशासन का दावा
हालांकि प्रशासन ने दावा किया है कि आग से कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई और नवजातों की मौत पहले से मौजूद बीमारी के कारण हुई, लेकिन NHRC ने घटना को गंभीर मानते हुए इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। आयोग ने यह भी कहा है कि यह घटना मानवाधिकारों का उल्लंघन है और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।