Waqf Amendment Bill 2024: केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के सदस्यों के नामों की घोषणा कर दी है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने आज 31 सदस्यों की सूची जारी की है. इसमें लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल होंगे. गुरुवार को लोकसभा में बहस के बाद इस बिल को जेपीसी को भेजने का निर्णय लिया गया था. किरेन रिजिजू ने राज्यसभा (Rajya Sabha) से 10 नामों की सिफारिश करने का आग्रह किया है. जेपीसी का कोरम कुल सदस्यों का एक तिहाई होगा और यह समिति अपनी रिपोर्ट अगले सत्र के अंतिम सप्ताह में सदन को सौंपेगी.
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जेपीसी लोकसभा
- जगदंबिका पाल
- निशिकांत दुबे
- तेजस्वी सूर्या
- अपराजिता सारंगी
- संजय जायसवाल
- दिलीप सैकिया
- अविजीत गंगोपाध्याय
- डी के अरुणा
- गौरव गोगोई
- इमरान मसूद
- मोहम्मद जावेद
- मौलाना मोइबुल्ला
- कल्याण बनर्जी
- ए राजा
- श्रीकृष्णा देवारायलू
- दिनेश्वर कमायत
- अरविंद सावंत
- एम सुरेश गोपीनाथ
- नरेश गणपत मास्के
- अरुण भारती
- असदुद्दीन ओवैसी
वक्फ संपत्ति और उसका प्रबंधन
बताते चले कि वक्फ किसी भी प्रकार की चल या अचल संपत्ति हो सकती है जिसे कोई इस्लाम धर्म का अनुयायी धार्मिक उद्देश्यों के लिए दान कर सकता है. वक्फ की गई संपत्ति का कोई व्यक्तिगत मालिक नहीं होता, इसे अल्लाह का मालिकाना हक माना जाता है. हालांकि, इसे संचालित करने के लिए कुछ संस्थान बनाए गए हैं, जिन्हें वक्फ बोर्ड (Waqf Board) कहा जाता है.
वक्फ संपत्ति के प्रबंधन का तरीका
आपकी जनाकारी के लिए बता दे कि वक्फ करने के कई तरीके हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक मकान हैं और वह उनमें से एक को वक्फ करना चाहता है, तो वह अपनी वसीयत में इसके बारे में लिख सकता है. व्यक्ति की मृत्यु के बाद वह संपत्ति वक्फ बोर्ड द्वारा संचालित होगी और इसका उपयोग सामाजिक कार्यों में किया जाएगा. इसी तरह, शेयर, किताबें, और कैश भी वक्फ किए जा सकते हैं.
वक्फ बोर्ड और उनकी जिम्मेदारियां
वक्फ संपत्ति का प्रबंधन करने के लिए वक्फ बोर्ड का गठन किया गया है. ये बोर्ड राज्य और स्थानीय स्तर पर कार्यरत होते हैं. उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड अलग-अलग कार्य करते हैं. राज्य वक्फ बोर्ड संपत्तियों के रखरखाव, उनसे उत्पन्न होने वाली आय का प्रबंधन, और अन्य संबंधित कार्यों की देखरेख करते हैं. केंद्रीय स्तर पर, सेंट्रल वक्फ काउंसिल राज्यों के वक्फ बोर्ड को दिशानिर्देश देती है.
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वक्फ संपत्ति के लिए कानूनी ढांचा
भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए वक्फ अधिनियम 1995 के तहत सभी वक्फ बोर्ड कार्यरत हैं. वक्फ बोर्ड न केवल मस्जिदों, दरगाहों, और कब्रिस्तानों की देखभाल करते हैं, बल्कि कई स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, और सामाजिक कल्याण संस्थानों को भी सहायता प्रदान करते हैं. वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए सर्वे कमिश्नर की नियुक्ति की जाती है, जो राज्य की वक्फ संपत्तियों का लेखा-जोखा रखता है. वक्फ संपत्ति की देखभाल के लिए स्थानीय स्तर पर मुतवल्ली नियुक्त किया जाता है, जिसकी नियुक्ति राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा की जाती है. 1954 में पहली बार वक्फ संपत्तियों के रखरखाव के लिए वक्फ अधिनियम बना, जिसे 1995 और 2013 में संशोधित किया गया। अब, 2024 में एक और संशोधन प्रस्तावित है, जिसके लिए जेपीसी का गठन किया गया है.