नालंदा संवाददाता : वीरेंद्र कुमार
नालंदा : मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा के रहुई प्रखंड के बाल विकास परियोजना कार्यालय के आगे प्रखंड के सभी सेविकाओं और सहायिकाओं ने आंगनवाड़ी बिहार राज्य कर्मचारी यूनियन के तत्वाधान में विभिन्न मांगो को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया इस दौरान सभी सेविकाओं व सहायिकाओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया।
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अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे…
मौके पर मौजूद बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के प्रखंड अध्यक्ष मनोरमा देवी ने बताया कि केंद्र सरकार और बिहार सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। राज्य सरकार झूठा वादा करती है सरकार के द्वारा जो कार्य दिया जाता है उसे हम बखूबी निष्पक्षता और ईमानदारी के साथ काम करते हैं चाहे वह कार्य बीएलओ का,टीकाकरण करने का,पोलियो का दवा और फाईलेरिया का दवा वित्तरण करने का कार्य हो। सरकार जब तक हमलोगों की पांच सूत्री मांग पूरा नहीं करती है तब तक पूर्ण कार्य वहिष्कार करने के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे।
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पांच सूत्री मांगों में..
- केंद्र सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मी का दर्जा देते हुए ग्रेड सी और ग्रेड डी में शामिल करें तथा जब तक सरकारी मांग में
- समायोजन न हो तब तक सेविका के मानदेय के रूप में प्रतिमाह 25000 रूपये और सहायिका को 18000 रूपये प्रतिमाह भुतान करे।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में ग्रेच्युटी बिहार में लागू हो।
- नई शिक्षा निति के तहत आंगनवाड़ी सेविक को नर्सरी शिक्षा का दर्जा मिले।
- जो भी सहायिका से सेविका एवं सेविका से पर्यवेक्षिका में पदोन्नती देते हुए सभी रिक्त पदों पर अविलम्ब बहाली की जाए।
- 16 मई 2017 में 20 जुलाई 2022 के समझौते के आलोक में लंबित मांगो को लागू किया जाए।
- इन सभी मांगो को सरकार लागू नहीं करती है तबतक हमलोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। इस मौके पर प्रखंड अध्यक्ष मनोरमा देवी, रजंती कुमारी, क्रांति कुमारी, रेखा कुमारी, श्वेता कुमारी, इन्दु कुमारी, सुधा देवी सहित सभी सेविका व सहायिका मौजूद रहे।