Amit Shah Targeted The Opposition : गृहमंत्री अमित शाह ने एक साक्षात्कार के दौरान अलग अलग मुद्दों पर विपक्ष पर निशाना साधा है।इस दौरान उन्होंने कहा कि पीओके सिर्फ भाजपा की ही प्रतिबद्धता नहीं बल्कि देश की संसद की भी प्रतिबद्धता है। PoK भारत का हिस्सा है और इसपर हमारा अधिकार है, इसको कोई झुठला नहीं सकता…फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस के नेता आज कह रहे हैं कि पाकिस्तान के पास परमाणु बम है। PoK की मांग न करिए। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि 130 करोड़ की आबादी वाला देश क्या किसी से डरकर अपने अधिकार जाने देगा। राहुल गांधी को बताना चाहिए कि पाकिस्तान के सम्मान की बात करके उनकी पार्टी के लोग क्या कहना चाहते हैं?…”
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“महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है और वे चुप बैठी हैं?”
इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने संदेशखाली घटना का जिक्र करते हुए कहा कि-, “ममता बनर्जी ने एक कार्यशैली विकसित की है कि पहले जुल्म करो और जब लोग इस बारे में बात करें तो छुपाओ और फिर दोबारा जुल्म करो। सन्देशखाली इसका उदाहरण है। एक महिला मुख्यमंत्री की नाक के नीचे धर्म के आधार पर महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है और वे चुप बैठी हैं? उच्च न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा, फिर भी(पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा) कोई जांच नहीं हुई और फिर मामला CBI के पास गया… उन्हें शर्म आनी चाहिए…”
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एक देश-एक चुनाव पर बोले शाह
न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान अमित शाह ने अपने साक्षात्कार के दौरान आगे कहा कि-“कोई भी कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है लेकिन राहुल गांधी को चुनाव से पहले कहना चाहिए था कि वे 2 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। मुझे लगता है कि लोकतांत्रिक दृष्टिकोण से इसे छिपाना सही नहीं है…उन्हें वायनाड के लोगों को इसके बारे में बताना चाहिए था…जब आप चुनाव के बाद के सर्वेक्षण में खतरा देखते हैं और फिर आप रायबरली आते हैं, मुझे लगता है यह सही नहीं है…”
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400 पार के नारे को लेकर अमित शाह ने कहा..
भाजपा नेता अमित शाह ने 400 पार के नारे को लेकर कहा कि “…हमारे 400 पार के नारे को विपक्ष ने कम दूर की दृष्टि से देखकर इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश की है। मैं निश्चित रूप से मानता हूं कि स्थिर सरकारें देश को ताकत देती हैं, स्थिर सरकारें निर्णायक कदम उठाने में सहायक होती हैं, स्थिर सरकारें गरीबों का कल्याण करने में सहायक होती हैं, स्थिर सरकारें आतंकवाद और नक्सलवाद जैसे खतरों को कुचल देने में सहायक होती हैं और स्थिर सरकारें देश के एजेंडे और स्थिति को दुनिया में बदलने में भी सहायक होती हैं।”