Ajit Doval: हाल ही में रुस और ऑस्ट्रिया दौरे पर गए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर दुनिया के कई शक्तिशाली देशों की नजर टिकी रही थी.रुस में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात कर भारत-रुस के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और दोनों देशों के संबंधों को पहले से मजबूत करने का संदेश दिया.रुस के मॉस्को में पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया गया था जहां भारतीय मूल के लोगों से भी पीएम मोदी ने मुलाकात की थी.इस दौरान उन्होंने वहां भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का धमकी भरा अंदाज
इस बीच पीएम मोदी के रुस दौरे से लौटने के बाद अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने धमकी भरे अंदाज में भारत-रुस के संबंधों पर बयान दिया है जिसका कड़ा जवाब खुद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने दिया.अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया रुस यात्रा को लेकर टिप्पणी की और कहा कि,हमने भारत समेत दुनिया के हर देश को ये स्पष्ट कर दिया है कि,दीर्घकालिक भरोसेमंद साझेदार के रुप में रुस पर भरोसा करना अच्छा दांव नहीं है।
Read more :केजरीवाल की फिर बढ़ी मुश्किले! CBI मामले में बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत…
जेक सुलिवन की टिप्पणी पर अजीत डोभाल का सख्त रुख
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की टिप्पणी पर अजिल डोभाल ने कड़े लहजे में जवाब देते हुए कहा,भारत के बिना अमेरिका का काम नहीं चलने वाला है.भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से दोनों देशों के बीच हुई बातचीत को लेकर बताया है…अजित डोभाल और जेक सुलिवन ने शांति और वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर बात की है.भारत और अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे.दोनों के बीच हुई बातचीत को लेकर विदेश मंत्रालय ने दोहराया है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भारत-अमेरिका के संबंधों को और आगे बढ़ाने के लिए काम करने की तत्परता दोहराई है।
Read more :कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi को बॉम्बे HC से बड़ी राहत,जानिए क्या था मामला ?
पीएम मोदी के रुस दौरे को लेकर की बयानबाजी
आपको बता दें कि,भारत और अमेरिका के बीच रुस के साथ रिश्तों को लेकर उस समय बात हुई है जब अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने भारत-रुस के संबंधों पर टिप्पणी की थी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुस दौरे को लेकर एरिक गार्सेटी ने कहा कि,आपस में जुड़ी दुनिया में कोई भी युद्ध अब किसी से दूर नहीं है.
ऐसे में दुनिया के देशों को ना सिर्फ शांति के लिए खड़ा होना चाहिए बल्कि ये तय करने के लिए भी ठोस कदम उठाने चाहिए कि,जो लोग शांतिपूर्वक काम नहीं कर रहे हैं उन पर भी लगाम लगनी चाहिए….उन्होंने यहां तक कहा कि,भारत अपनी रणनीतिक आजादी को पसंद करता है लेकिन जंग के मैदान में इसका कोई मतलब नहीं होता है।