जम्मू कश्मीर के इलाकों में जारी भारी बारिश की वजह से जलभराव और भूस्खलन का खतरा बढ़ा है। जिसके चलते प्रशासन ने फिलहाल अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाए जाने का फैसला किया है।
Amarnath Yatra : इन दिनों देश भर में बारिश अपना कहर बरपा रही है। जिसकी वजह से प्रदेशों में जलभराव और पहाड़ी इलाको में भूस्खलन के जन जीवन काफी प्रभावित हो रहा है। इसके साथ ही इन दिनों में जम्मू – कश्मीर में भी भरी बारिश की वजह से कई इलाकों में जलभराव और भूस्खलन का खतरा बढ़ रहा है। जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा पर रोक लगा दी है। इसको लेकर शुक्रवार को अधिकारियों ने आदेश जारी किया है।
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अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाए जाने को जारी किये आदेश में अधिकारियों में बताया है कि, ”जम्मू कश्मीर में शुक्रवार सुबह भारी बारिश शुरू हो गई, जिसके कारण श्रद्धालुओं की यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई। श्रद्धालुओं को बालटाल और नूनवान आधार शिविरों में रोक दिया गया है। मौसम ठीक होते ही यात्रा फिर से शुरू कर दी जाएगी।”
”शिविरों में रोके गए श्रद्धालु’
अधिकारियों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, श्रद्धालुओं को बालटाल और नुनवान आधार शिविरों में रोक दिया गया है। मौसम ठीक होते ही यात्रा फिर से शुरू कर दी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि करीब पौने चार बजे 7,000 से अधिक श्रद्धालुओं का नया जत्था जम्मू स्थित आधार शिविर से अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुआ था।
इस तारीख को खत्म होगी यात्रा
30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा 31 अगस्त को खत्म होगी। इसके साथ ही अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके खत्म करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए है। यात्रा की निगरानी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) के द्वारा कराई जा रही है। यात्रा पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की निगरानी आइसीसीसी के द्वारा कराई जा रही है और अपने कर्मचारियों को सूचना भेजते है।
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अमरनाथ यात्रा पर 84,000 से अधिक पहुंचे श्रद्धालु
अधिकारियों ने बताया है कि, ”मौजूदा समय में तीर्थयात्रियों की कुल संख्या करीब 84,000 से भी ज्यादा है। कश्मीर हिमालय में 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर की 62 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा अनंतनाग जिले के पहलगाम और गंदेरबल जिले के बालटाल स्थित दोनों मार्गों से शुरू हुई।”