Sambhal: संभल में प्रतिष्ठित समाचार पत्र मे नोडल के नाम पर झोलाछाप से अवैध वसूली की एक दिन पूर्व खबर छपने के बाद सनसनीखेज खुलासा प्रकाश मे आया है। तथाकथित पत्रकार बाबू खां का अपने आप को बडे बेनर का पत्रकार बताकर झोलाछाप से बसूली का आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। हैरान की बात यह है कि प्रतिष्ठित समाचार पत्र मे अवैध वसूली की खबर छपी तो क्षेत्र मे हडकंप मच गया और बसूली करने बाला ही अमर उजाला का नाम बताकर झोलाछाप से अवैध वसूली करने बाला निकला।
मामला जुनावई थाना क्षेत्र का है जहां झोलाछाप से अवैध वसूली की खबर एक समाचार पत्र मे छपी थी, लेकिन चौकाने बाली बात यह है कि उगाई करने बाला बडे बेनर के नाम पर अवैध बसूली ही कर रहा है। और झोलाछाप डॉक्टरों से धमकाकर बीमा पॉलिसी कर रहा है। तथाकथित पत्रकार ने झोलाछाप से कहा है कि मैने चार साल पहले कहा था कि तुम्हे मेरे पास आना पडेगा। सूत्रो के मुताबिक आपको बता दे उस समय तत्कालीन नोडल के नाम पर भी सील क्लीनिक खुलवाने के नाम पर भी 5-5 हजार रुपए लिये गए थे, लेकिन पैसे नोडल को नही दिए गए।
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छोलाछाप डाक्टरों से करता था पैसो उगाही
जिसमे तथाकथित पत्रकार बाबू खां ने तीन हजार रूपए नोडल के नाम पर सील हुए क्लीनिक का ताला खुलवाने के नाम पर लेने की बात वीडिओ मे स्वंय बताई है। और वह 1 हजार रूपए बीमा के नाम पर लेने की बात कह रहा है। सबसे बडी बात यह है कि पत्रकारिता के नाम पर झोलाछाप डाक्टरों से अवैध बसूली व बीमा का कारोबार चल रहा है। वही वायरल आडियो मे नोडल विरास यादव को अपने इशारे पर चलाने की बात कह रहा है। अब स्वास्थ्य विभाग के नोडल विरास यादव वसूली बाले मामले मे क्या कार्रवाई करते है या फिर उनके सह पर यह बडा खेल चल रहा है।
क्या है पूरा मामला
गांव कादराबाद मे 2 अक्टूबर को एक लैव और दो झोलाछाप क्लीनिक सील किए थे। और नोडल विरास ने सील लगाकर अग्रिम कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन कार्रवाई तो नही हुई और झोलाछाप के अस्पताल खुल गए। इसी पर तथाकथित पत्रकार बाबू खां दुकानो के फोटो खींच कर ले आए और झोलाछाप डॉक्टरों को धमकाने लगे। जिसमे तीनो झोलाछाप से 1500-1500 रूपये लेने की बात कही जा रही है।
और तथाकथित पत्रकार से फोन पर गिड़गिड़ाता झोलाछाप का आडियो वायरल हो रहा है, जहां तथाकथित पत्रकार रौब झाड रहा है। और 4500 रूपये लेने की बात कह रहा है। उसके बाद बीमा पॉलिसी लेने का दबाव बना रहा है। साथ मे यह भी कह रहा है कि जिन लोगो की मेरे पास बीमा पॉलिसी है। उनके यहां कभी कोई नही जाता अर्थात कोई कार्रवाई नही होती है। क्षेत्र मे अवैध उगाई के बाद झोलाछाप डाक्टरों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।