Ratan Tata Death: भारत के जाने-माने उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन, रतन नवल टाटा (Ratan Tata) का बुधवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल (Breach Candy Hospital) में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और सोमवार को उम्र संबंधी बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती हुए थे. बुधवार को उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी और उसी दिन उनका निधन हो गया. उनके निधन की पुष्टि टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने की.
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अखिलेश यादव ने शोक व्यक्त किया
बताते चले कि रतन टाटा (Ratan Tata) के निधन पर पूरे देश से शोक संदेश आ रहे हैं. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “जिन्होंने सिखाया कि कैसे उसूलों के साथ कारोबार किया जाता है, और अपने लाभ को समाज कल्याण के लिए लगाया जाता है, ऐसे महान रतन टाटा जी का जाना इतिहास के एक पन्ने का पलट जाना है.” उन्होंने सोशल मीडिया पर आठ साल पुरानी एक तस्वीर भी साझा की.
सीएम योगी ने शोक व्यक्त किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने भी रतन टाटा (Ratan Tata) के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने अपने संदेश में कहा, “भारत के प्रख्यात उद्योगपति, ‘पद्म विभूषण’ श्री रतन टाटा जी का निधन अत्यंत दुःखद है. उनका जाना उद्योग जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. वे सच्चे अर्थों में देश के रत्न थे, जिन्होंने अपने जीवन को भारतीय उद्योग और समाज के विकास के लिए समर्पित किया.”
टाटा समूह की नई ऊंचाइयां
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि रतन टाटा (Ratan Tata) ने टाटा समूह की बागडोर 1991 में संभाली और 2012 तक समूह के चेयरमैन रहे. इसके बाद उन्होंने 2016-2017 में एक बार फिर टाटा समूह की कमान संभाली और फिर से मानद चेयरमैन की भूमिका निभाई. उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने नई ऊंचाइयां छुईं और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई. उन्होंने समूह को उदारीकरण के दौर में न केवल स्थापित किया, बल्कि उसे वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा किया। टाटा समूह के विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार और उसकी सफलता का श्रेय रतन टाटा को जाता है.
रतन टाटा का योगदान
रतन टाटा (Ratan Tata) का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था. उन्होंने अपने नेतृत्व के दौरान टाटा समूह को न केवल भारतीय उद्योग जगत में बल्कि वैश्विक स्तर पर एक सशक्त पहचान दिलाई. उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने टाटा समूह को उद्योग, तकनीक और समाजसेवा के क्षेत्र में अग्रणी बनाया. उनकी सरलता, ईमानदारी और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें एक आदर्श नेतृत्वकर्ता बनाया.
उनके निधन से न केवल उद्योग जगत में बल्कि पूरे देश में शोक की लहर है. उद्योगपति, राजनीतिज्ञ और आम नागरिक सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके अतुलनीय योगदान को याद किया. रतन टाटा का निधन भारतीय उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.
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