Akhilesh Yadav Gaushala Remark: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के गौशाला पर दिए गए बयान के बाद से एक नया विवाद शुरू हो गया है। सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के साथ-साथ कई हिंदू संगठनों ने भी उनके बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस विवाद में सबसे प्रमुख प्रतिक्रिया विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की तरफ से आई है। वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “जिन्हें गौ माता में से बदबू आती हो, वे क्या यदुवंशी कहलाते हैं?” उन्होंने यह भी कहा कि जिनकी नाक मधुशाला की आदी हो, उन्हें गौशाला में सुगंध कैसे आ सकती है।
अखिलेश यादव का विवादित बयान

अखिलेश यादव का यह बयान उस समय आया था, जब उन्होंने कन्नौज में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, “समाजवादी लोग विकास और खुशहाली चाहते हैं, लेकिन बीजेपी के लोग नफरत फैलाते हैं। ये लोग दुर्घंध पसंद करते हैं, इसलिए गौशाला बना रहे हैं, जबकि हम सुगंध पसंद करते हैं, इसलिए इत्र पार्क बना रहे थे।” इस बयान के बाद बीजेपी ने सोशल मीडिया पर अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि वह श्री कृष्ण के वंशज होने का दावा करते हैं, लेकिन अब गौशाला से दुर्गंध की बात कर रहे हैं।
बीजेपी और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप
वीएचपी द्वारा किए गए बयान के बाद, उत्तर प्रदेश भाजपा ने भी अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया। भाजपा ने कहा कि “जो अपने बाप, चाचा, ताऊ और गौ माता का सम्मान नहीं करता, वह कैसे हिंदू हो सकता है?” भाजपा ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी की ओछी हिंदू-विरोधी मानसिकता का यह एक और उदाहरण है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने कभी तुष्टिकरण की राजनीति की है और अब यदुवंशी समाज का तिरस्कार कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का बयान

अखिलेश यादव के बयान पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। केशव प्रसाद मौर्य ने तंज कसते हुए कहा कि अगर किसी किसान, खासकर ग्वाल के बेटे को गाय के गोबर से दुर्गंध आने लगे तो यह समाज से पूरी तरह कटने का संकेत है। उन्होंने कहा कि यदि अखिलेश यादव को गोबर से दुर्गंध आ रही है, तो यह दर्शाता है कि उनकी पार्टी का भविष्य संकट में है।
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
इस पूरे विवाद में अखिलेश यादव ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी धर्म या जाति का अपमान नहीं किया है। उनका उद्देश्य सिर्फ बीजेपी की नफरत की राजनीति पर चोट करना था। अखिलेश ने यह भी कहा कि सपा हमेशा भाईचारे और सामूहिकता की राजनीति करती रही है, जबकि बीजेपी समाज में नफरत फैलाने का काम कर रही है। इस बयान के बाद, जहां एक तरफ हिंदू संगठनों ने अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया, वहीं दूसरी तरफ सपा ने इसे बीजेपी की सियासी साजिश बताया। इस विवाद से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, और अब यह देखने की बात होगी कि इस विवाद का चुनावी राजनीति पर कितना असर पड़ता है।