Lucknow News: गोमती नगर में हुए छेड़छाड़ के मामले में बेल पर जेल से बाहर आए आरोपी पवन यादव से समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बुधवार को मुलाकात की। आरोपी ने खुद को बेकसूर बताया। इस दौरान, अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार और पुलिस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पवन यादव को कसूरवार दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने आगे कहा, “जब पवन यादव और अन्य आरोपी पकड़े गए, तो उनका नाम विधान सभा में लिया गया। यह युवक सिर्फ चाय पीने गया था और पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पकड़े जाने के बाद भी जिन अधिकारियों ने सरकारी इमेज सुधारने के लिए पवन यादव को थाने में दिखाया, जिन्होंने यह हाथ जोड़कर के तस्वीर छापी है मैं इनसे भी कहूंगा उनको मत भूलना और हम लोग भी नहीं भूलेंगे। क्योंकि नाम तो और भी पढ़े जाने चाहिए थे, और क्यों नहीं पढ़े गए।”
घटना का विवरण
31 जुलाई को लखनऊ में भारी बारिश के बाद गोमती नगर थानाक्षेत्र के ताज होटल के निकट अंडरपास में जलभराव हो गया था। इसी दौरान, वहां पर एक समूह उत्पाती युवकों ने राहगीरों से अभद्रता शुरू कर दी। ये युवक गाड़ियों को घेरकर उनमें पानी डाल रहे थे और गाली-गलौच कर रहे थे। एक बाइक से गुजर रहे युवक और युवती को जबरन पानी में गिराकर उनसे छेड़छाड़ की गई। घटना के सीसीटीवी फुटेज और वीडियो वायरल हो गए थे, जिनके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की।
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पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना के बाद, लखनऊ पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सेंगर के आदेश पर कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को हटाया गया। डीसीपी ईस्ट प्रबल प्रताप सिंह, एडीसीपी ईस्ट अमित कुमावत, और एसीपी गोमती नगर अंशु जैन को उनके पद से हटा दिया गया। इसके अलावा, गोमती नगर SHO दीपक पांडेय, चौकी इंचार्ज ऋषि विवेक, दरोगा कपिल, और सिपाही वीरेंद्र व धर्मवीर को सस्पेंड कर दिया गया।
मामले को दिया राजनीतिक रंग
इस घटना के वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस की आलोचना की गई। सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। इस बीच, समाजवादी पार्टी ने मामले को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा और पुलिस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने घटना को अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया।एक तरफ पुलिस की कार्रवाई और दूसरी तरफ राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं, इस पूरे मामले को एक जटिल राजनीतिक ड्रामा बना देती हैं। जब भी ऐसी घटनाएँ होती हैं, तो यह केवल अपराध और अपराधियों का मामला नहीं रहता, बल्कि यह समाज और राजनीति के बीच संघर्ष की कहानी भी बन जाती है।