Akhilesh Yadav Speech: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आज लोकसभा में बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए और किसानों की समस्याओं पर सरकार को जमकर घेरा. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पारले-जी बिस्किट का नाम लेते हुए सरकार पर तंज कसा. किसानों की आय दोगुनी करने के सरकारी दावे पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा, “जो सरकार मंच से कहती थी कि किसानों की आय दोगुनी होगी. वो बताए कि 11 साल हो गए सरकार को, क्या किसानों की आय दोगुनी हो गई?”
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न्यूनतम समर्थन मूल्य का किया जिक्र
बताते चले कि बजट पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भी जिक्र किया और पूछा कि अगर सरकार एमएसपी दे रही है, तो उसकी कानूनी गारंटी क्यों नहीं दे रही. उन्होंने कहा, “सरकार ने अगर एमएसपी देने का वादा किया है, तो इसे कानूनी गारंटी देने में क्या समस्या है?”
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर और जलवायु अनुकूल फसलें
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर भी सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, “सरकार ने पिछले भाषण में एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को एक लाख करोड़ रुपए देने की बात की थी. अगर ऐसा हुआ है, तो उत्तर प्रदेश को कितना मिला? सरकार ने एक नई मंडी भी नहीं बनाई है.” उन्होंने जलवायु अनुकूल फसलों और नेचुरल फार्मिंग को लेकर भी सरकार से जवाब मांगा.
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खाद की बोरी और नेनो यूरिया पर तंज
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने खाद की बोरी के आकार को छोटा करने पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, “सरकार ने तो एक चीज ही सीखी है पारले-जी बिस्किट से- महंगाई और मुनाफा. इस सरकार ने 10 साल में डीएपी की बोरी को छोटा कर दिया. इससे और ज्यादा छोटा मत करना.” उन्होंने यह भी कहा, “जब किसान डीएपी लेने जाता है, तो सरकार कहती है कि बिना नेनो यूरिया के नहीं मिलेगा। मैं सरकार से जानना चाहूंगा कि नेनो यूरिया से क्या लाभ मिला है.”
उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र में विकास की मांग
बजट भाषण के दौरान अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र को लेकर हुए समझौतों (MoU) को धरातल पर उतारने, दूध उत्पादन के क्षेत्र में नए डेयरी उद्योग लगाने और किसानों को मुफ्त बिजली देने के सरकार के दावों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “सरकार ने उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में जो MoU किए हैं, उन्हें वास्तविकता में बदलने की जरूरत है.
दूध उत्पादन के क्षेत्र में नए डेयरी उद्योग लगाने की बात कही गई थी, उसका क्या हुआ?”अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के बिजली कोटा को बढ़ाने की मांग भी दोहराई. उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश के लिए बिजली का कोटा बढ़ाया जाए ताकि किसानों को बेहतर बिजली सुविधा मिल सके. सरकार को अपने वादों को पूरा करना चाहिए और किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता देनी चाहिए.”
नीतियों और दावों की कड़ी आलोचना की
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार की नीतियों और दावों की कड़ी आलोचना की. उन्होंने किसानों की समस्याओं, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर, जलवायु अनुकूल फसलों, खाद की बोरी, नेनो यूरिया, और उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र में विकास की मांगों को प्रमुखता से उठाया. उनके भाषण ने स्पष्ट किया कि सरकार को इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.
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