Prayagraj: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 20 ढोंगी बाबाओं को ब्लैकलिस्ट करने की घोषणा की है, जिसमें हाथरस कांड से चर्चा में आए नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा भी शामिल हैं. परिषद के अनुसार, सभी 13 अखाड़ों के बीच इस पर सहमति बन चुकी है और 18 जुलाई को कुंभ मेला प्रशासन के साथ बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा. परिषद का मानना है कि इन ढोंगी बाबाओं को मेले में भूमि और सुविधाएं नहीं दी जानी चाहिए ताकि ये अपनी दुकानें न सजा सकें.
Read More: Hardoi Road Accident: ब्रेक फेल होने से झोपड़ी में घुसी बस, चार लोगों की मौत
पाखंडी बाबाओं की एक सूची तैयार की गई
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि जनता को भ्रमित कर अपने भक्तिजाल में फंसाने वाले पाखंडी बाबाओं की एक सूची तैयार की गई है. परिषद ने सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की सहमति के बाद निर्णय लिया है कि इन बाबाओं को महाकुंभ में अपनी दुकानें सजाने नहीं दी जाएंगी. इसके तहत मेला प्रशासन को यह मांग प्रस्तुत की जाएगी कि इन ढोंगी बाबाओं को भूमि और शिविर की सुविधाएं न दी जाएं.
अखाड़ा परिषद बाबाओं के खिलाफ सक्रिय
मेला प्रशासन कुंभ में बसने वाली धार्मिक संस्थाओं और महामंडलेश्वरों का सर्वेक्षण कर रहा है और संतों के आवेदन भी आने शुरू हो गए हैं. अगले महीने से आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी खुल जाएगा. हाथरस कांड के बाद अखाड़ा परिषद धर्म के नाम पर पाखंड करने वाले बाबाओं के खिलाफ सक्रिय हो गया है.
Read More: जिंदगी के नए फेज में कदम रखने के लिए बेहद उत्सुक है Ranveer Singh..शेयर किया एक प्यारा सा नोट
अंधविश्वास और पाखंड का जाल
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि खुद को त्रिकालदर्शी, भगवान, परमब्रह्म और ईश्वरीय अवतार बताने वाले बाबाओं को काली सूची में डाला जा रहा है. इस सूची में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा, सेक्स सीडी कांड में फंसे स्वामी नित्यानंद, बाबा राम रहीम सहित 20 से अधिक बाबा शामिल हैं. परिषद का मानना है कि संतों को लोकहित और परोपकार के माध्यम से समाज में संस्कार और मर्यादा का वातावरण पैदा करना चाहिए, लेकिन ये ढोंगी बाबा समाज को अंधविश्वास और पाखंड के जाल में फंसा रहे हैं.
भूमि और अन्य सुविधाओं से वंचित
नारायण साकार हरि खुद को परम ब्रह्म बताते हैं और कहते हैं कि वे ब्रह्मा, विष्णु, महेश हैं और जब चाहेंगे, प्रलय कराकर सृष्टि को मिटा देंगे. ऐसे ही 20 ढोंगी बाबाओं की सूची शासन को सौंपी जाएगी ताकि उन्हें महाकुंभ में भूमि और अन्य सुविधाओं से वंचित किया जा सके. महंत हरि गिरि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री, ने कहा कि ये बाबाओं धर्म के नाम पर समाज को गुमराह कर रहे हैं और इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस पहल का उद्देश्य समाज में पाखंडियों के खिलाफ जागरूकता फैलाना और धार्मिक आयोजनों की पवित्रता को बनाए रखना है.
Read More: UPPSC भर्ती परीक्षाओं में अब बायोमेट्रिक सत्यापन से होगी पारदर्शिता: AI की मदद से संदिग्धों की पहचान