Akbar Road Board Controversy: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद अभी थमा नहीं कि दिल्ली में अकबर रोड का नाम बदलने की मांग को लेकर विवाद छिड़ गया है। कुछ लोग मुगलों के नाम पर सड़कों के नाम बदलने की मांग कर रहे हैं और अब दिल्ली में भी अकबर रोड के नाम पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
Read More:Farmer Protest: बॉर्डर पर ‘गदर’…चला बुलडोजर, शंभू टू खनौरी बॉर्डर…अब सब साफ! पुलिस का दिखा एक्शन
अकबर रोड पर विरोध प्रदर्शन

बताते चले कि, दिल्ली के अकबर रोड पर बुधवार रात कुछ लोगों ने साइन बोर्ड पर कालिख पोत दी और उसके बाद महाराणा प्रताप का पोस्टर भी लगा दिया। इन लोगों का कहना था कि यह कदम उन्होंने आईएसबीटी बस अड्डे पर महाराणा प्रताप की मूर्ति को नुकसान पहुंचाए जाने के विरोध में उठाया है। प्रदर्शन करने वालों का कहना था कि अकबर रोड का नाम बदलकर उसे महाराणा प्रताप से जोड़ने की जरूरत है।
‘मुगलों के नाम पर सड़कों के नाम बदलने की उठी मांग’

अकबर रोड के नाम बदलने की मांग करने वालों का कहना है कि मुगलों के शासनकाल के नाम पर सड़कों के नाम रखना उचित नहीं है। उनके अनुसार, यह हमारे इतिहास और संस्कृति का अपमान है। एक वीडियो सामने आया है जिसमें तीन युवक अकबर रोड के साइन बोर्ड पर कालिख पोतते हुए और महाराणा प्रताप का पोस्टर लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इन युवकों का कहना था कि वे मुगलों के नाम से सड़कों के नाम हटाने की मांग करते हैं।
‘जय महाराणा’ के नारे, हिंसा की धमकी भी

वीडियो में एक युवक कहता है, “जय भवानी, जय महाराणा। महाराणा प्रताप का अपमान हिंदुस्तान सहन नहीं करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर दिल्ली में महाराणा प्रताप की मूर्ति को फिर से सम्मान के साथ नहीं स्थापित किया गया, तो यह प्रदर्शन और बढ़ सकता है। उनका कहना था कि यदि प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की तो आने वाले दिनों में यह विरोध और भी उग्र हो सकता है।
नागपुर में औरंगजेब को लेकर तनाव

आपको बता दे कि, दिल्ली में अकबर रोड पर हुआ यह विवाद उसी तरह का है जैसा हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर में देखने को मिला था। वहां पर औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा को लेकर पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया था। ऐतिहासिक और सांप्रदायिक तनाव के कारण ही यह हिंसा हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव में बढ़ोतरी
यह घटनाएं केवल स्थानीय विवाद नहीं हैं, बल्कि देशभर में बढ़ती राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव का हिस्सा मानी जा रही हैं। इन घटनाओं ने यह सवाल उठाया है कि भारत में ऐतिहासिक और सांप्रदायिक मुद्दों पर राजनीति किस दिशा में जा रही है। अब दोनों जगहों पर, दिल्ली और महाराष्ट्र में, पुलिस और प्रशासन के सामने यह चुनौती है कि वे इन मुद्दों को शांतिपूर्वक हल करें और सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखें।