Ajay Jadeja: गुजरात (Gujarat) के जामनगर (Jamnagar) के शाही परिवार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा (Ajay Jadeja) को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है. जाम साहब शत्रुशाल्यसिंहजी महाराज ने शुक्रवार को एक पत्र के माध्यम से इस बात की घोषणा की है. 53 वर्षीय अजय जडेजा ने भारत के लिए 15 टेस्ट और 196 एकदिवसीय मैच खेले हैं. वे शाही जामनगर परिवार के वंशज हैं, और उनका जन्म 1971 में जामनगर में हुआ, जिसे पहले नवानगर के नाम से जाना जाता था. उनके पिता दौलतसिंहजी जडेजा, शत्रुसाल्यसिंहजी के चचेरे भाई हैं.
जडेजा परिवार की क्रिकेट में समृद्ध विरासत
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अजय जडेजा (Ajay Jadeja) जामनगर के शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं, और इस परिवार की क्रिकेट में गहरी और समृद्ध विरासत है. अजय जडेजा के रिश्तेदारों केएस रंजीतसिंहजी और केएस दलीपसिंहजी के नाम पर प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी रखी गई है, जो भारतीय क्रिकेट की प्रमुख प्रतियोगिताएं हैं. इन ट्रॉफियों का नाम आज भी क्रिकेट जगत में सम्मान और गौरव का प्रतीक माना जाता है.
PM मोदी ने जाम साहब स्मारक पर श्रद्धांजलि दी थी
इस साल अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोलैंड की यात्रा के दौरान वारसॉ में जाम साहब ऑफ नवानगर स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी. यह स्मारक गुजरात के नवानगर (आधुनिक जामनगर) के पूर्व महाराजा जाम साहब दिग्विजयसिंहजी रंजीतसिंहजी के सम्मान में स्थापित किया गया है. जाम साहब दिग्विजयसिंहजी को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनके असाधारण मानवीय प्रयासों के लिए याद किया जाता है, और उन्हें ‘अच्छे महाराजा’ के रूप में सम्मानित किया गया था. यह स्मारक उनके योगदान और उनके समय के उत्कृष्ट शासन की याद दिलाता है.
जडेजा परिवार का परिचय
अजय जडेजा (Ajay Jadeja) के पिता, दौलतसिंहजी जडेजा, जामनगर लोकसभा से तीन बार सांसद रहे हैं, और उनकी मां केरल के अलप्पुझा जिले की मूल निवासी हैं. जडेजा का विवाह जया जेटली की बेटी अदिति जेटली से हुआ है, और उनके दो बच्चे, ऐमन और अमीरा, हैं. जडेजा परिवार की यह सामाजिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि भारतीय राजनीति और समाज में उनके प्रभाव को दर्शाती है. अजय जडेजा का जामनगर के अगला जाम साहब के रूप में चयन उनके परिवार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह नियुक्ति न केवल परिवार के गौरव को पुनः स्थापित करती है, बल्कि भारतीय क्रिकेट और जामनगर की शाही परंपरा को भी नया जीवन प्रदान करती है.