Ahoi Ashtami 2024:अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami)का पर्व संतान प्राप्ति के लिए विशेष माना जाता है और इस दिन राधाकुंड (Radha Kund)में स्नान करने की परंपरा है। यह स्नान विशेष रूप से उन दंपतियों के लिए महत्वपूर्ण है जो संतान सुख की कामना करते हैं। मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र में स्थित राधाकुंड में हर साल अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) के अवसर पर हजारों श्रद्धालु एकत्र होते हैं। वे आस्था और विश्वास के साथ कुंड (Radha Kund) में स्नान कर संतान प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में भक्त इस पुण्य स्नान के लिए पहुंचे हैं।
मेले की सुरक्षा और व्यवस्थाए
राधाकुंड (Radha Kund) में लगने वाले इस मेले के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कुंड के चारों ओर बैरिकेडिंग की गई है ताकि श्रद्धालु गहरे पानी में न जा सकें। पानी के भीतर सीमित दायरे में ही स्नान करने की अनुमति दी गई है, इसके लिए लोहे की जाली और बल्ली लगाई गई है। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस और प्रशासन ने मेले में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार बनाए गए हैं, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और किसी तरह की अव्यवस्था न हो। यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बैरियर और पार्किंग की व्यवस्था की गई है। साफ-सफाई को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सफाईकर्मी भी तैनात किए गए हैं।
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अधिकारियों की तैयारियां
मेले की व्यवस्थाओं को लेकर उच्च अधिकारियों ने निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं की जानकारी ली। एसपी ग्रामीण त्रिगुण बिसेन और एसडीएम नीलम श्रीवास्तव ने मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधीनस्थों को दिशा-निर्देश दिए। तहसीलदार मनीष कुमार और सीओ आलोक सिंह ने अधिकारियों को बताया कि कुंड के चारों ओर बैरिकेडिंग की गई है, और सुरक्षा के लिए स्नान के क्षेत्र को सीमित किया गया है।
राधाकुंड में संतान प्राप्ति की कामना
राधाकुंड (Radha Kund)का यह मेला आस्था और विश्वास का प्रतीक है, जहाँ दूर-दूर से आए श्रद्धालु अपने सूने आंगन में संतान की किलकारी गूंजने की कामना करते हैं। इस मेले का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि इसे संतान प्राप्ति के लिए एक विशेष अवसर माना जाता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस दिन राधाकुंड में स्नान करने से भगवान की कृपा से संतान प्राप्ति हो सकती है।
इस दिन कुंड में स्नान का महत्व
अहोई अष्टमी स्नान के लिए राधाकुंड, श्यामकुंड का धार्मिक महत्व पुराणों में बताया है। पुराने समय में राधाकुंड को अरिष्ठासुर नाम के राक्षस का नगर अरिष्ट वन के नाम से जाना जाता था। ये राक्षस काफी शक्तिशाली था। ऐसा कहा जाता है, इसकी दहाड़ शेर से भी ज्यादा तेज थी, इतनी तेज कि गर्भवती महिलाओं का गर्भपात तक हो जाता था। फिर राक्षस ने कंस के कहने पर गाय के बछड़े का रूप धारण कर बाल रूप श्री कृष्ण पर प्रहार किया।