New Delhi: कहावत हैं कि, पुलिस के हाथ बहुत लम्बे होते हैं कातिल को पकड़ने के लिए पुलिस एड़ीचोटी का जोर लगा देती हैं लेकिन फिर भी सुराग के नाम पर पुलिस के हाथ खाली कुछ नहीं लगता हैं। क्योकि कत्ल को अंजाम देने के बाद कातिल बहुत ही सफाई से सारे सबूत मिटा देता हैं और पुलिस की आंखों में धूल झोक कर निकल जाता है। मगर, वो भूल जाता है कि गुनेहार कितना ही शातिर क्यों ना हो, कोई ना कोई गलती तो जरूर करता है। जी हां, ऐसी ही एक वारदात मुंबई में भी हुई। जहा पुलिस ने एक ऐसी ही गुत्थी को सुलझाया, जिसमें कातिल अपनी ही गर्लफ्रेंड का कत्ल कर भाग गया था। आइये जानते है क्या है पूरी वारदात…..
बैरिकेड्सके नीचे सूटकेस
19 नवंबर 2023 दिन शनिवार की बात है सुबह-सुबह का समय था। मुंबई के कुर्ला-चेंबूर में मेट्रो ट्रेन का काम चल रहा था। जब सारे मजदूर अपने काम वाली साइड पर पहुंचे। तो उन्होंने देखा कि दो बैरिकेड जमीन पर गिरे पड़े थे । मजदूरों ने जैसे ही बैरिकेड्स को सही जगह पर रखने के लिए उठाया, तो वे चौंक गए। बैरिकेड्स के नीचे एक बड़ा सूटकेस रखा मिला, जिसे देखकर लग रहा था कि किसी ने इससे जानबूझकर यहाँ छिपाया है। माहौल में काफी दहशत और हलचल थी और सभी के चेहरे पर सिर्फ एक ही सवाल आ रहा था कि आखिर इस सूटकेस में क्या है? खेर हिम्मत जुटाकर एक मजदूर ने जब सूटकेस की चेन खोली, तो सारे मजदूरों की आंखें फटी की फटी रह गईं। सूटकेस के अंदर एक महिला की लाश थी। जिसके बाद तुरंत मामले की खबर पुलिस की दी गई जिसके बाद कुछ ही देर में मौके पर पुलिस और क्राइम ब्रांच के अफसर पहुंच गए।
Read More: Digilocker app: Traffic Challan से बचना है तो कैसे करें ‘Digi Locker’ का इस्तेमाल….?
सूटकेस में लाश और गले में लॉकेट
क्राइम ब्रांच की टीम ने पहुंचकर सूटकेस में मिली शव की जांच की जिसमे महिला की उम्र 24-25 साल के लगभग थी। पुलिस को लाश के गले में एक क्रॉस निशान वाला लॉकेट मिलता है, जिससे अंदाजा हो जाता है कि मृतक महिला ईसाई धर्म से है। शव को पोस्टमार्टम के भेजा और रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि किसी धारदार तार से गला घोंटकर उसे मारा गया है। अब सवाल ये था कि आखिर ये महिला कौन थी, कहां की रहने वाली थी और इस तरह बेरहमी से किसने उसका कत्ल किया… इन सवालों के साथ पुलिस की तफ्तीश शुरू कर दी।क्राइम ब्रांच की टीम सबसे पहले आसपास के सभी चर्चों में पूछताछ करती है। महिला और लॉकेट की फोटो लेकर पुलिसवाले एक-एक चर्च में जाते हैं और पादरी से इनके बारे में पूछते हैं। इसके अलावा ईसाई धर्म से जुड़े वॉट्सऐप और टेलेग्राम ग्रुप्स में भी महिला की फोटो शेयर कर दी जाती है। हालांकि, कई दिनों तक भटकने के बावजूद पुलिस को कोई सुराग नहीं मिलता।
सोशल मीडिया से मिली मदद
कांदिवली चर्च के पादरी से मृतक लड़की के बारे में कुछ अहम जानकारी मिली है। दरअसल, पादरी ने लड़की की फोटो अपने समुदाय से जुड़े फेसबुक पेज पर शेयर की थी, जिसे देखने के बाद ओडिशा के एक चर्च के पादरी ने उनसे बात किया। ओडिशा के पादरी से जब पुलिस ने बात की तो उन्होंने बताया कि इस लड़की के माता-पिता उनके चर्च में आते रहते हैं। बस इसके साथ पुलिस को लड़की की पहचान से जुड़ा पहला सुराग मिल चुका था। क्राइम ब्रांच की टीम ने तुरंत उसके मां-बाप से संपर्क किया। तस्वीर देखकर माता-पिता अपनी बेटी को पहचान लेते हैं। वो लाश 25 साल की प्रतिमा पावल किस्पोट्टा की थी। परिवार बताता है कि उनकी बेटी मुंबई की एक हाउसिंग सोसाइटी में काम करती थी और यहां अपने लिव-इन पार्टनर आस्कर मनोज बरला के साथ रह रही थी।
Read More: Wi-Fi speed problem: अगर आपके Wi-Fi के स्पीड हो गयी कम, तो इन स्टेप्स को करें फॉलो
मनोज और प्रतिमा के झगड़े
परिवार ने बताया दोनों के बीच अक्सर झगड़े होने लगे थे। अब पुलिस उनसे मनोज का नंबर लेकर उसे फोन करती है, लेकिन उसका मोबाइल बंद था।मिली जानकारी से धारावी इलाके के एक दुकानदार ने कहा है कि उसने इस महिला को धारावी इलाके में देखा है। थोड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार वो घर मिल जाता है, जहां ये महिला किराए पर अपने लिव इन पार्टनर के साथ रहती थी। बता दे , कमरे पर ताला लटका हुआ था। अब पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ करती है, तो दो बातें पता चलती हैं। पहली- मनोज 19 नवंबर के बाद से घर नहीं लौटा था। और दूसरी- वो सायन इलाके में समोसे की एक दुकान पर काम करता था। जब पुलिस ने दुकान का पता लगाया और मालिक से बात की तो उसने बताया कि मनोज सुबह का काम खत्म करके चला गया था।
चकमा देने देकर पकड़ी गलत ट्रेन
सीसीटीवी की जांच में देखा कि मनोज एक बड़ा बैग लेकर इस तरह जा रहा है, जैसे वह कहीं लंबे समय के लिए जा रहा हो। तुरंत, शहर से बाहर निकलने वाले सारे रास्तों पर पुलिस को अलर्ट भेज दिया जाता है। रेलवे स्टेशनों पर भी उसकी तलाश होती है और लोकमान्य तिलक टर्मिनस की एक सीसीटीवी फुटेज में मनोज दिख जाता है।मनोज ने इस स्टेशन से गोदान एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ी थी, जो उत्तर प्रदेश जा रही थी। ऐसे में पुलिस को शक होता है कि वो चकमा देने के लिए इस ट्रेन में चढ़ा है और आगे के किसी स्टेशन से गाड़ी बदलेगा। पुलिस का शक सही निकलता है। ठाणे स्टेशन पर जब सीसीटीवी कैमरे की जांच हुई, तो मनोज ट्रेन से उतरते हुए दिखाई दिया। स्टेशन पर पूछताछ में पता चला कि ओडिशा के लिए रात की एक ट्रेन थी और मनोज इसके जरिए ही यहां से निकलने वाला था।
आखिर क्या हुआ था 18 नवंबर की रात को ?
पुलिस की गिरफ्त में आते ही वो टूट गया और बताया कि उसने ही अपनी लिव इन पार्टनर प्रतिमा का कत्ल किया है। उसने कहा कि वो आज रात की ट्रेन से ओडिशा भागने वाला था। हालांकि, अपने मंसूबे में कामयाब हो पाता, इससे पहले ही पुलिस ने उसे धर-दबोचा।पुलिस के मुताबिक, प्रतिमा और मनोज ओडिशा में एक ही गांव के रहने वाले थे। कोरोना वायरस महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में जब दोनों घर लौट रहे थे, तो ट्रेन में इनकी मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों में दोस्ती हुई और फिर प्यार। जुलाई 2023 में दोनों मुंबई आ गए और धारावी में किराए का कमरा लेकर रहने लगे। कुछ वक्त बाद मनोज को शक हुआ कि प्रतिमा के संबंध गांव के ही किसी और आदमी के साथ हैं।
इस बात को लेकर अक्सर दोनों के बीच झगड़े होने लगे। 18 नवंबर की रात को भी दोनों में झगड़ा हुआ और गुस्से में आकर मनोज ने मछली पकड़ने वाले तार से गला घोंटकर उसका कत्ल कर दिया। इसके बाद उसने रात के अंधेरे में ही प्रतिमा की लाश को एक सूटकेस में बंद किया और इसे लेकर ओडिशा जाने की योजना बनाई।हालांकि, जब वो स्टेशन पहुंचा तो वहां पुलिस देखकर डर गया। उसने अपना इरादा बदला और सूटकेस को फेंकने के लिए जगह की तलाश में एक ऑटो रिक्शा लिया। इधर-उधर भटकने के बाद आखिरकार, उसने रात में कुर्ला-चेंबूर इलाके में मेट्रो निर्माण वाली जगह पर बैग छोड़ा और मौके से फरार हो गया। इसके बाद वो ओडिशा भागने की फिराक में था, लेकिन पकड़ा गया।