Israel Hamas Conflict: इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में अब तक दोनों ओर काफी नुकसान हो चुका है.इजराइल ने कई मौकों पर इस बात को दोहराया है कि,वो हमास को पूरी तरह से समाप्त कर लेने के बाद ही युद्ध विराम की घोषणा करेंगे.दोनों के बाच हुई जंग के बाद इजराइल में कई इमारतें और बड़ी-बड़ी बिल्डिंगें पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं.इन इमारतों को फिर से खड़ा करने के लिए बड़े स्तर पर इजराइल को श्रमिकों और कुशल कारीगरों की जरूरत आ पड़ी है जिसके लिए उसने भारत की ओर रुख किया है।भारत की ओर से इजराइल भेजे जाने वाले श्रमिकों और कारीगरों के लिए इन दिनों यूपी और हरियाणा में उनकी टेस्टिंग चल रही है.अभी तक केवल दो राज्य यूपी और हरियाणा से श्रमिकों को भेजा जा रहा था लेकिन अब इसमें 5 और राज्यों ने अपने यहां से श्रमिकों को इजराइल भेजने की इच्छा जताई है।
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काम के लिए इजराइल जाने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ी
आपको बता दें कि,यूपी और हरियाणा अपने यहां से वर्कर्स को भेजने के लिए रिक्रूटमेंट ड्राइव चला रहे हैं लेकिन अब इसमें 5 और राज्य शामिल होना चाहते हैं.ये 5 राज्य हैं तेलंगाना,राजस्थान,मिजोरम,बिहार और हिमाचल प्रदेश.युद्ध के बीच इजराइल में काम करने के लिए यूपी और हरियाणा से अब तक 5 हजार से ज्यादा वर्कर्स का सेलेक्शन किया जा चुका है।भारत से बड़ी संख्या में कामगारों को इजराइल भेजने की कोशिश की जा रही है.इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि,भारत से काम करने जाने वाले श्रमिकों को इजराइल में ज्यादा पैसा मिल रहा है क्योंकि इजारइल में इस समय काम की तुलना में वर्कर्स की संख्या बहुत कम हो गई है.इजराइल में काम करने की इच्छा रखने वाले भारतीयों की संख्या काफी बड़ी है.हालांकि कुछ लोग इस पर सरकार की आलोचना ये कहकर भी कर रहे हैं कि,इजराइल में भारतीय श्रमिकों को भेजकर उनकी जान को खतरे में डाला जा रहा है।
7 अक्टूबर से चल रहा इजराइल-हमास के मध्य युद्ध
जगजाहिर है कि,इजराइल और हमास के बीच 7 अक्टूबर से शुरु हुआ युद्ध अभी भी चल रहा है.इस वजह से बड़ी संख्या में फिलिस्तिनियों के वर्क परमिट को वहां रद्द कर दिया गया है.इजराइल में बड़ी संख्या में फिलिस्तीन के वर्कर काम करते आ रहे हैं लेकिन युद्ध की वजह से अब वो इजराइल नहीं जा रहे हैं.ऐसे में इजारइल की ये इच्छा है कि,उसके दूसरे मित्र देशों के यहां से इजराइल में काम करने वाले वर्कर आएं।बात अभी की करें तो इजराइल में इस समय तकरीबन 18 हजार भारतीय कामगार हैं। हरियाणा और यूपी द्वारा चलाई जा रही रिक्रूटमेंट ड्राइव में दूसरे राज्यों से भी कामगार आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन कामगारों को इजराइल में औसत मासिक वेतन एक लाख 40 हजार रुपये मिल रहा है। इसके साथ ही हेल्थ इंश्योरेंश, खाना और रहने के लिए आवास की भी सुविधा मिल रही है।
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