Shahjahan Sheikh: पश्चिम बंगाल में बीते लगभग 2 महीने से संदेशखाली को लेकर सियासत गरमाई हुई है. लेकिन बीते दिन ये सियासी उठापटक एक नतीजे पर आकर पहुंची. टीएमसी नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है,अदालत के फैसले के आगे ममता सरकार की एक भी ना चली,आखिरकार शाहजहां शेख को CBI को सौंप ही दिया गया. CBI की कस्टडी मिलने के बाद शेख को दक्षिण 24 परगना स्थित सीबीआई कार्यालय ले जाया गया. अब पूरे मामले में पूछताछ की जाएगी.
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CBI टीम को खाली हाथों वहां से लौटना पड़ा था
टीएमसी नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार लगातार पक्षपात के मामले में घिरती नजर आ रही है. ऐसे में जब बंगाल हाईकोर्ट ने शाहजहां शेख की कस्टडी को सीबीआई को देने के लिए कहा था, तो सीबीआई की एक टीम शेख को हिरासत में लेने के लिए भवानी भवन स्थित सीआईडी मुख्यालय पहुंची, लेकिन 2 घंटे से भी अधिक समय तक इंतजार करने के बाद शाम साढ़े सात बजे के बाद सीबीआई टीम को खाली हाथों वहां से लौटना पड़ा.शेख को सीबीआई को न सौंपने पर सीआईडी ने दलील दी कि,राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है इसलिए सीबीआई को शेख की कस्टडी नहीं दी गई.
हाईकोर्ट ने फैसला में क्या कहा था?
संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले की जांच के लिए हाईकोर्ट ने आरोपी शेख की कस्टडी सीबीआई को सौंपने का फैसला दिया था.लेकिन अदालत के फैसले को ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की. जिस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया. इसके बाद वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आज दूसरी बार फिर से जस्टिस खन्ना के पास मामले की तुरंत सुनवाई के लिए गुहार लगाई,फिर से नई अर्जी मिलने पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि,इस पर मुख्य न्यायधीश तय करेगें कि सुनवाई कब होनी है.
ईडी ने कोर्ट का किया था रुख
आपको बता दे कि सीबीआई को शाहजहां शेख की कस्टडी न मिलने पर केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कोलकाता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को बताया कि,राज्य पुलिस मुख्यालय में सीबीआई को शेख की कस्टडी लेने के लिए कैसी-कैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.जिस पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने ईडी को कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की सलाह दी थी.
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ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का किया था रुख
वहीं मंगलवार को कोलकाता हाईकोर्ट ने संदेशखाली मामले में रहे आरोपी शाहजहां शेख पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि,संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले का मामला और टीएमसी के निलंबित नेता शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को सौंपी जाए.कोर्ट ने बंगाल पुलिस को पक्षपातपूर्ण रवैये को लेकर फटकार लगाते हुए कहा कि,आरोपियों को बचाने के लिए जांच में देरी का हर प्रयास किया जा रहा है.जिसके बाद हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए ममता सरकार अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है.हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
जानें पूरा मामला..
5 जनवरी को बंगाल के राशन घोटाले में ईडी की टीम ने शाहजहां के घर पर रेड डाली थी तभी लगभग 1 हजार लोगों की भीड़ ने उस वक्त हमला कर दिया था और शाहजहां शेख पर महिलाओं के साथ उत्पीड़न और उनकी जमीन कब्जे करने का भी आरोप है.पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा 29 फरवरी को शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया था. राशन घोटाले मामले में ईडी पर हुए हमले को लेकर ईडी ने शेख की कस्टडी के लिए हाईकोर्ट में अलग-अलग अपील दाखिल की थी.जिसमें ईडी ने कहा है कि,शेख की कस्टडी सिर्फ सीबीआई को ही सौंपी जाए जबकि राज्य सरकार ने सिर्फ पुलिस से ही जांच कराने का अनुरोध किया था।
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