लखनऊ संवाददाता- Mohd kaleem…
लखनऊ: गोंडा के तरबगंज थाना क्षेत्र में युवक की हत्या के बाद षड्यंत्र कर 14 बार विवेचना बदलवाए गए। यहां तक कि नामजद अभियुक्तों को बचाते हुए घटना के समय मदद करने वाले लोगों को ही फंसा दिया गया। प्रमुख सचिव गृह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। इसी आदेश के बाद मामले में जांच शुरू करा दी गई है। सीबीसीआईडी गोरखपुर सेक्टर के एसपी गिरिजेश जांच अधिकारी नामित किए गए हैं। डीजीपी एवं डीजी सीबीआईडी विजय कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
डीजी सीबीसीआईडी से प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच…
प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने गोंडा के तरबगंज थाना क्षेत्र स्थित पकड़ी गांव की सुंदरपति पत्नी स्व. रमई के शिकायती पत्र पर गत 27 मई को जांच के आदेश किए थे। उन्होंने डीजी सीबीसीआईडी से प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराकर शीघ्र न्यायसंगत कार्रवाई करते हुए उसकी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने को कहा है। प्रमुख सचिव गृह ने पत्र में कहा है कि वादी की जानकारी के बगैर 14 बार विवेचना स्थानान्तरित किया जाना एक गंभीर कृत्य है।
गिरफ्तारी और कुर्की की कार्रवाई…
यह प्रकरण पकड़ी गांव के रमई की वर्ष 2017 में हुई हत्या से संबंधित है। इस मामले में गांव के ही पिता-पुत्र राधेश्याम दुबे व विष्णुशंकर दुबे तथा दो भाइयों कलूट व मोहर अली को नामजद करते हुए आईपीसी की धारा 302, 323, 504, 506, 307 तथा एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(2) (5) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। स्व. रमई के पुत्र राजकुमार भारती का कहना है कि अभियुक्तों ने गिरफ्तारी और कुर्की की कार्रवाई से बचने के लिए बार-बार विवेचना स्थानान्तरित कराई। इसके लिए बार-बार उनकी मां सुंदरपति के फर्जी प्रार्थना पत्र का सहारा लिया गया, जबकि उनकी मां ने कभी कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया। वर्तमान में इस मुकदमे की जांच सीबीसीआईटी प्रयागराज सेक्टर के एएसपी समीर सौरभ कर रहे हैं।
पुलिस में ही छह बार विवेचक बदले…
मृतक के पुत्र राजकुमार भारती का कहना है कि मौजूदा विवेचक समीर सौरभ ने नामजद अभियुक्तों को बचाते हुए घटना के समय मदद करने वाले लोगों को ही फंसा दिया, जबकि उनके पूर्व की विवेचक रचना मिश्रा ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी न हो पाने पर उनके विरुद्ध न्यायालय से कुर्की का आदेश प्राप्त किया था। यह कार्रवाई हो पाने से पहले ही विवेचना स्थानान्तरित कर दी गई। मौजूदा विवेचक ने उनके पिता को अस्पताल में भर्ती कराने और उन्हें बचाने के लिए खून देने वाले व्यक्ति को ही आरोपी बना दिया। इस मामले में गोंडा जिले के एक भाजपा विधायक की भूमिका भी सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि उन्हीं की पैरवी पर बार-बार विवेचना स्थानान्तरित की गई। मामला सीबीसीआईडी को सुपुर्द किए जाने से पहले जिला पुलिस में ही छह बार विवेचक बदले गए थे।