Kolkata Rape Case: कोलकाता रेप केस का मामला तूल पकड़ चुका है। लाखों की संख्या में लोग इंसाफ की गुहार लगा रहें है। अभी यह मामला ठंडा (Kolkata Rape Case) भी नहीं पड़ा कि एक और मामला सामने आ गया। पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में बीजेपी के एक बूथ प्रेसिडेंट तापस दास को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि दास और उनके सहयोगियों ने एक महिला के घर में घुसकर उसे प्रताड़ित किया। महिला ने हाल ही में भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस (TMC) का दामन थामा था। आरोप के मुताबिक, तापस दास और उनके सहयोगियों ने महिला को सड़क पर नंगा घसीटा। TMC ने पीड़िता से मिलने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था। पुलिस ने यह मामला सामने आने के बाद एक आरोपी को गिरफ्तार किया है और वहीं, एक अन्य आरोपी की तलाश जारी है।
भाजपा ने कहा; मामले को दिया जा रहा राजनीतिक रंग
भाजपा का कहना है कि यह एक पारिवारिक विवाद था और इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। घटना गोकुलनगर के पंचाननताला की है। घायल महिला को नंदीग्राम सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पीड़िता का आरोप है कि शुक्रवार रात जब वह अपने बेटे और बेटी के साथ घर पर थी, तभी कुछ लोग जबरन घर में घुस आए और उसे बाहर निकाल ले गए। इसके बाद, लोगों ने उसे पूरे गांव में घसीटा और कपड़े उतारकर पीटा। नंदीग्राम फर्स्ट ब्लॉक के भाजपा संयोजक अभिजीत मैती ने महिला पर हुए हमले की निंदा की है और कहा है कि बीजेपी से इसका कोई कनेक्शन नहीं है। “हमारे खिलाफ साजिश की जा रही है,” उन्होंने कहा।
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पीड़िता ने सुनाई आपबीती
पीड़िता का कहना है, “मैं पहले भाजपा में थी, लेकिन हाल के चुनाव में TMC में शामिल हो गई थी। कुछ दिन पहले भी उन्होंने मुझे पीटा था और पूरे गांव में बेइज्जत किया था। इसके बाद भी पुलिस के पास शिकायत की थी। शुक्रवार को उसी शिकायत को वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था।” टीएमसी पदाधिकारी शेख सूफियान ने कहा, “महिला का इतना ही अपराध है कि वह TMC में शामिल हो गई। उसपर फिर से भाजपा में जाने का दबाव था। जब उसने इनकार किया तो उसे नंगा करके पीटा गया। हम आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।” रविवार को टीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें पूर्व राज्यसभा सांसद कुणाल घोष भी शामिल थे, पीड़िता से मिलने पहुंचा था।
नंदीग्राम की यह घटना एक बार फिर से पश्चिम बंगाल की राजनीतिक हिंसा और असहिष्णुता को उजागर करती है। पुलिस और प्रशासन को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिल सके। इस तरह की घटनाएं न केवल समाज में अस्थिरता फैलाती हैं, बल्कि राजनीति की गरिमा को भी ठेस पहुंचाती हैं।