Lucknow News: नई दिल्ली में बेसमेंट में बने कोचिंग सेंटर में पानी भरने से तीन विद्यार्थियों की मौत के बाद लखनऊ (Lucknow) में भी प्रशासन सख्त हो गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने मंगलवार को 107 प्रतिष्ठानों की जांच की, जिसमें 20 अवैध बेसमेंट में चल रहे कोचिंग सेंटरों और लाइब्रेरियों को सील कर दिया गया। एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि इन प्रतिष्ठानों के मालिकों और संचालकों से मानचित्र और निर्माण आदेश के दस्तावेज पेश करने को कहा गया था। दस्तावेज न दिखाने पर यह कार्रवाई की गई। यह अभियान बुधवार और बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगा।
इन पर कसा शिकंजा
मानकों के विपरीत बेसमेंट के निर्माण और कोचिंग संचालन की जांच का जिम्मा जोन-1 में सचिव विवेक श्रीवास्तव, जोन-2 और 3 में अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, जोन-4 और 5 में संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह और जोन-6 और 7 में मुख्य नगर नियोजक केके गौतम को सौंपा गया है। प्रवर्तन जोन-4 की टीम ने अलीगंज में सात प्रतिष्ठानों को सील किया। इनमें स्कॉलर हब लाइब्रेरी, साइलेंस जोन लाइब्रेरी, प्रयास को, लाइब्रेरी, लक्ष्य लाइब्रेरी, स्टार लाइब्रेरी, द स्टडी प्वाइंट लाइब्रेरी और विजन आईएएस लाइब्रेरी शामिल हैं। ये सभी प्रतिष्ठान मानक के विपरीत बने बेसमेंट में चल रहे थे। प्रवर्तन जोन-1 की टीम ने गोमतीनगर के विराज खंड स्थित एलेन कोचिंग सेंटर और विभव खंड में एजुकेयर इंस्टीट्यूट को सील किया।
अवैध निर्माण पर नकेल
लखनऊ में अवैध बेसमेंट में चल रहे कोचिंग सेंटरों और लाइब्रेरी पर कार्रवाई शुरू हुई है। हालांकि, शहर में करीब 2000 अवैध बेसमेंट वाली इमारतों पर कार्रवाई कब होगी, यह सवाल अब भी बना हुआ है। एलडीए के मुताबिक, नक्शा स्वीकृत कराए बिना और पास कराए नक्शे के सापेक्ष निर्माण न करना अवैध की श्रेणी में आता है। हजरतगंज, अमीनाबाद, तेलीबाग, चौक, आलमबाग और गोमतीनगर की इन अवैध इमारतों में पार्किंग की जगह बेसमेंट बनाकर कमाई की जा रही है।
अधिकारियों की जिम्मेदारी
एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि इमारतों में स्वीकृत बेसमेंट का बेजा इस्तेमाल हो रहा है। किसी ने इसे स्टोर के रूप में स्वीकृत कराया, पर कोचिंग सेंटर खोल दिया। प्रवर्तन इकाई के सहायक अभियंता और अवर अभियंता पर अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी होती है। अगर उन्होंने समय पर कार्रवाई की होती तो मनमाने तरीके से खोदाई कर बेसमेंट नहीं बनाए जा पाते।
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विद्यार्थियों की परेशानी
एलडीए की कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई का खामियाजा यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। विद्यार्थियों का कहना है कि प्राधिकरण ने आनन-फानन में बिना उनकी समस्या देखे यह फैसला ले लिया। अलीगंज की कोचिंग से इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे मऊ के वैभव जायसवाल के मुताबिक, ये संस्थान काफी समय से चल रहे हैं। एलडीए ने अभी तक इनके मानक नहीं परखे। अब अचानक इन्हें सील कर दिया गया है। यह भी नहीं सोचा कि अब हम कहां जाकर तैयारी करेंगे? हमारी फीस का क्या होगा?
विद्यार्थियों ने जतायी चिंता
गोरखपुर निवासी श्रेया रघुवंशी के मुताबिक, “सेलेक्शन के आधार पर लखनऊ की कोचिंग का चयन किया था। हम पढ़ाई संबंधी गुणवत्ता को देखते हैं। भवन संबंधी मानक देखना जिनकी जिम्मेदारी है, वे इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।” विद्यार्थियों की यह चिंता जायज है, क्योंकि उनकी शिक्षा और भविष्य दांव पर है। प्रशासन को चाहिए कि वह विद्यार्थियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उचित समाधान निकाले और कोचिंग सेंटरों की मानक जांच में पारदर्शिता बरते।
नई दिल्ली में हुए हादसे के बाद लखनऊ में कोचिंग सेंटरों पर सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है। हालांकि, यह कार्रवाई सही दिशा में है, लेकिन इसे संतुलित और विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए करना आवश्यक है। प्रशासन को अवैध निर्माण पर नकेल कसते हुए, विद्यार्थियों की शिक्षा और भविष्य को भी सुरक्षित रखना चाहिए।