Election Results 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आखिरकार सभी के सामने आ गए है. सामने आए नतीजों में सबसे ज्यादा बीजेपी को उत्तर प्रदेश में नुकसान हुआ है. जिस यूपी में पार्टी ने 80 सीटों का जीतने का लक्ष्य रखा था,वहां पर बीजेपी आधे से भी कम में सिमट कर रह गई. यही सबसे बड़ी वजह रही कि बीजेपी इस चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं पा सकी. लेकिन राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस पर अभी तक चुप्पी साधी हुई है,उन्होंने इस पर अभी तक अपनी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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11 केंद्रीय मंत्रियों में से 7 हारे
बताते चले कि इस बार के चुनाव में कई जगहों पर बड़ा उलटफेर देखने को मिला. यूपी के 80 लोकसभा सीटों की तस्वीर अब एकदम साफ हो चुकी है. इस बार के चुनाव में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है. इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस, दोनों ने मिलकर साथ में चुनाव लड़ा और 44 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि एनडीए को महज 33 सीटों से संतोष करना पड़ा.लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के अंदर कई मंत्री अपनी सीट नहीं बचा सके तो कई सांसद भी जीत की दरकार नहीं रख सके. सियासी मैदान में उतरे 11 केंद्रीय मंत्रियों में से 7 को हार का सामना करना पड़ा जबकि योगी सरकार के 4 मंत्रियों में 2 मंत्री ही साख बचा सके.
कई लोकसभा सीटों पर BJP उम्मीदवारों ने लगाई हैट्रिक
यूपी के चुनावी नतीजों ने हर किसी को चौंका कर रख दिया है. अयोध्या में भाजपा 30 हजार वोटों से हार गई. केंद्रीय मंत्री रहीं स्मृति ईरानी और मेनका गांधी भी अपनी-अपनी लोकसभा सीट हार गईं. हालांकि कई लोकसभा सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों ने हैट्रिक भी लगाई है, जिसमें गोंडा के कीर्तिवर्धन सिंह, वाराणसी से पीएम मोदी और फूलपुर लोकसभा सीट शामिल है.
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इन केन्द्रीय मंत्रियों की हुई हार
यूपी में जिन केन्द्रीय मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा उसमे अमेठी से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, चंदौली से महेंद्र नाथ पांडे, जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्मा, मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान, लखीमपुर से अजय मिश्र टेनी, मोहनलालगंज से कौशल किशोर और फतेहपुर से साध्वी निरंजन जैसे बड़े नेता शामिल हैं. इसके अलावा, योगी सरकार के मंत्रियों में जयवीर सिंह को मैनपुरी और रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को हार का सामना करना पड़ा.
स्मृति ईरानी नहीं बचा पाई अपनी साख
लोकसभा चुनाव 2024 में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी लोकसभा सीट से हार गई हैं. यहां कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने जीत दर्ज की. भारतीय जनता पार्टी से तीसरी बार प्रत्याशी बनाई गई केंद्रीय मंत्री व अमेठी से स्मृति ईरानी 166022 मतों से चुनाव हार गई. किशोरी लाल शर्मा ने बड़ी जीत दर्ज कर एक बार फिर से अमेठी में गांधी परिवार की खोई हुई गरिमा को सहसम्मान वापस लौटा दिया है.
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डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय को मिली हार
उत्तर प्रदेश की चंदौली लोकसभा सीट पर भी बीजेपी को कड़े संघर्ष के बाद हार का सामना करना पड़ा है. यहां पर समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर मैदान में उतरे बिरेंद्र सिंह ने बीजेपी के दिग्गज नेता डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय को 21565 मतों के अंतर से हरा दिया. चुनाव में दोनों प्रत्याशियों को 4-4 लाख से अधिक वोट मिले, लेकिन अंत तक बिरेंद्र सिंह ने अपनी बढ़त बनाए रखी. तीसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के सत्येंद्र कुमार मौर्य पर रहे जिन्हें 159903 वोट मिले.
जालौन में नहीं खिला कमल
जालौन को अपना नया सांसद मिल गया है. पांच बार के सांसद रहे भानु प्रताप सिंह वर्मा पर से जनता का भरोसा उठ गया है. इस बार जनता ने सपा-कांग्रेस (I.N.D.I.A) से नारायण दास अहिरवार को जीताकर अपना भरोसा दिखाया है.5 लाख से ज्यादा वोटों के साथ नारायण दास अहिरवार को जनता ने जीताकर संसद का रास्ता दिखाया है. वहीं, भानु प्रताप सिंह साढ़े चार लाख से ज्यादा वोट हासिल किए है.
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मुजफ्फरनगर से डॉ. संजीव बालियान हारे
उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को 10 साल बाद बड़ा झटका लगा है. मुजफ्फनगर में 2014 से लगातार सांसद चुने जा रहे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान पर इस बार जनता ने भरोसा नहीं जताया. भाजपा का जादू भी नहीं चल सका. मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक चुनाव जीते हैं। भाजपा प्रत्याशी डा. संजीव बालियान को हार का सामना करना पड़ा है। अभी घोषणा होनी बाकी है.
खीरी से अजय मिश्र टेनी 30 हज़ार वोट से हारे
यूपी की खीरी लोकसभा सीट से भाजपा के अजय मिश्र टेनी 30 हज़ार वोट से हार गए हैं. टेनी का मुक़ाबला सपा के उत्कर्ष वर्मा से था. चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उत्कर्ष वर्मा को कुल 5 लाख 46,029 वोट मिले हैं. वहीं, अजय मिश्र को 5 लाख 15,692 वोट मिले हैं.
मोहनलालगंज से कौशल किशोर को मिली हार
कौशल किशोर मलिहाबाद विधानसभा क्षेत्र से भी नहीं जीत पाए, जबकि इस सीट से उनकी पत्नी जय देवी दो बार से विधायक हैं. उनका घर भी मलिहाबाद विधानसभा के अंतर्गत आता है, लेकिन मंगलवार उनके लिए मंगलकारी नहीं रहा. मंगलवार सुबह शुरू हुई मतगणना में किसी राउंड में कमल खिला तो किसी में साइकिल चली.
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फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति जीत दर्ज करने से चूंकी
फतेहपुर लोकसभा सीट पर तीसरी बार साध्वी निरंजन ज्योति जीत दर्ज करने से चूक गईं. उनको सपा के नरेश उत्तम पटेल ने हराया. 2014 और 2019 में बीजेपी जीती थी। इससे पहले 2009 में सपा और 2004 में बसपा ने जीत दर्ज की थी। 20 मई को फतेहपुर लोकसभा सीट पर मतदान हुआ था.
मैनपुरी ने जयवीर सिंह बढ़त हासिल नहीं कर सके
मैनपुरी लोकसभा सीट पर सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को जीत मिली है. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह को 2.21 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से पराजित किया. मैनपुरी में सपा से सांसद डिंपल यादव प्रत्याशी थीं। वह वर्ष 2022 में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में सांसद बनी थीं। भाजपा ने स्थानीय विधायक पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को उम्मीदवार बनाया.
रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को मिली करारी हार
यूपी की सबसे चर्चित लोकसभा सीटों में से एक रायबरेली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने काफी बड़े अंतर से जीत दर्ज की है. राहुल गांधी ने साढ़े 3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से BJP के दिनेश प्रताप सिंह को हराया है. बीजेपी की तरफ से दिनेश प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा गया है. दिनेश प्रताप सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव में भी रायबरेली सीट से चुनाव लड़ चुके हैं.
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यूपी सरकार के इन मंत्रियों की सीट पर नहीं मिली जीत
इनके अलावा यूपी सरकार में मंत्री सूर्य प्रताप शाही अपनी गृह जनपद पथरदेवा की सीट पर भी बीजेपी को जीत नहीं दिला सके. इसी तरह राकेश सचान की भोगनीपुर सीट में पार्टी हार गई. ओम प्रकाश राजभर, असीम अरुण, मयंकेश्वर शरण, सोमेंद्र तोमर, सुरेश राही, अनूप बाल्मिकी, सतीश शर्मा और विजय लक्ष्मी गौतम अपनी अपनी सीटों पर बीजेपी को नहीं जिता पाए.
प्रवीण निषाद सीट बचाने में रहे फेल
राज्यमंत्री अनूप वाल्मीकि हाथरस लोकसभा क्षेत्र से रेकॉर्ड वोटों से जीते लेकिन अलीगढ़ लोस सीट के तहत आने वाली उनकी खैर सीट पर भाजपा की ‘खैर’ नहीं रही. फैजाबाद लोस क्षेत्र की दरियाबाद विधानसभा में सपा आगे रही. यहां के विधायक सतीश शर्मा राज्यमंत्री हैं. कैबिनेट मंत्री संजय निषाद अपने बेटे प्रवीण निषाद की संतकबीर नगर सीट बचाने में फेल रहे. सुलतानपुर तक में सपा का निषाद चेहरा जीता.
ओम प्रकाश राजभर के बेटे को मिली हार
बताते चले कि अखिलेश यादव को सैफई तक सीमित करने का दावा करने वाले कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर घोसी में बेटे को जिता तो नहीं सके लेकिन हार का अंतर जरूर बढ़ा दिया. बलिया की जिस जहूराबाद सीट से वह विधायक हैं, वहां भी सपा आगे रही. राजभर बहुल दूसरी सीटों पर भी भाजपा हारी. रायबरेली में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह तो लड़ाई में टिक ही नहीं पाए. सीतापुर में सुरेश राही की हरगांव विस सीट में भी भाजपा पीछे रही, यहां पीएम की रैली भी परिणाम नहीं बदल सकी.
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