Haryana Results 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में कांग्रेस की हार के बाद मंगलवार को ‘INDIA’ गठबंधन के सहयोगी दलों ने कांग्रेस को आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है. आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने इस हार से सबसे बड़ा सबक यह बताया कि किसी भी चुनाव में अति आत्मविश्वास नहीं होना चाहिए. केजरीवाल ने ‘आप’ के पार्षदों को संबोधित करते हुए कहा कि हर चुनाव चुनौतीपूर्ण होता है और किसी भी सीट को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. हरियाणा में सीट बंटवारे को लेकर मतभेदों के कारण AAP और कांग्रेस के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन संभव नहीं हो पाया था, जो कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण माना जा रहा है.
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प्रियंका चतुर्वेदी की कांग्रेस को सलाह
शिवसेना (UBT) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) ने कहा कि हरियाणा चुनाव के नतीजों का महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जहां अगले महीने चुनाव होने की संभावना है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपनी चुनावी रणनीति पर गंभीरता से पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि हरियाणा (Haryana) में भाजपा के खिलाफ सीधी लड़ाई में कांग्रेस उम्मीद से कम प्रदर्शन कर पाई. प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस को आगाह किया कि आने वाले चुनावों में बेहतर तैयारी की जरूरत है, ताकि महाराष्ट्र में ‘INDIA’ गठबंधन की जीत सुनिश्चित हो सके.
भाकपा महासचिव महासचिव की कांग्रेस को सलाह
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा ने भी हरियाणा चुनाव परिणामों पर कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आगामी महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों में ‘INDIA’ गठबंधन के सभी सहयोगी दलों को साथ लेकर चलना चाहिए. राजा के अनुसार, हरियाणा (Haryana) में कांग्रेस की हार से सबक लेकर आगे की रणनीति बनानी होगी, ताकि विपक्षी गठबंधन की ताकत को मजबूत किया जा सके और भाजपा को चुनौती दी जा सके.
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महाराष्ट्र में कांग्रेस ने दी गठबंधन धर्म की याद
हरियाणा (Haryana) चुनाव में हार के बाद, कांग्रेस ने अपने महाराष्ट्र के सहयोगी दलों को गठबंधन धर्म की याद दिलाई. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस महाराष्ट्र में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और गठबंधन के नियमों का पालन करना सभी दलों की जिम्मेदारी है. रमेश ने जोर देकर कहा कि गठबंधन से जुड़ी कोई भी चर्चा मीडिया के माध्यम से नहीं, बल्कि आपस में होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में गठबंधन को मजबूत करना कांग्रेस का कर्तव्य है और वह अपने सहयोगी दलों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं देंगे.
महाराष्ट्र और झारखंड में नई रणनीति की जरूरत
हरियाणा (Haryana) में कांग्रेस की हार ने गठबंधन के सहयोगी दलों के सामने सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर जब महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. कांग्रेस को अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक मजबूत और संगठित रणनीति बनानी होगी, ताकि भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ा जा सके. इन चुनावों में हार से सबक लेते हुए कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को सीट बंटवारे और चुनावी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करना होगा.