बाराबंकी: SDM ज्योति मौर्य के मामले के बाद से मानों की पढाई के बाद उपलब्धि हासिल करने के बाद महिलाओं का वो रुप सामने आया हैं जिसकी कोई सरहाना कर रहा है तो कोई बुराई कई महिलाएं तो इसके नक्सें कदम पर भी चल रही हैं आए दिन ये मामले अब खुल के सामने आ रहे है जहां पति के पढाएं जाने बाद जब महिला अच्छे पद पर बैठ जाती है तो उसी पति को अपने काबिल नहीं समझती है और उसे छोड़ कर अपनी सपनों की दुनिया बनाती हैं कई महिलाओं ने पति के साथ-साथ बच्चों को भी छोड़ दिया मात्र अपने सपनों की जिन्दगी जीने के लिए….
जानें पूरा मामला-
ऐसा एक मामला बाराबंकी जिले से सामने आया है। जहां महिला पति की मदद से पढाई करने के बाद जब लेखपाल बनी तो पति पर ही उत्पीड़न का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में तलाक का याचिका दाखिल कर दी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पढ़ लिखकर लेखपाल बनी एक महिला ने अपने किसान पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाया और कोर्ट में तलाक मांगने को लेकर मुकदमा दाखिल कर दिया। जिसके बाद पारिवारिक न्यायालय कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए पत्नी की तरफ से दाखिल तलाक के मुकदमे को आधारहीन पाते हुए खारिज कर दिया।
दरअसल, यह पूरा मामला बाराबंकी के सतरिख थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर मजरे गाल्हामऊ गांव का है। यहां के रहने वाले अमरीश कुमार की शादी 20 फरवरी 2009 को जैदपुर थाना क्षेत्र के याकूतगंज गांव के रहने वाले रामचरन की पुत्री दीपिका के साथ हुई थी। शादी के बाद ससुराल में ही दीपिका का ग्रेजुएशन पूरा हुआ।
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पति नें सुनाई आपबीती
पति की माने तो पत्नि को पढ़ने-लिखने में रुचि थी जिसे देखते हुए उसने अपनी पत्नी को M.A.तथा B.ed कराया। इसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग में दाखिला कराया। पति अमरीश, दीपिका को कोचिंग लाने और ले जाने के साथ ही अन्य पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाता था। पत्नि के लिए पढाई को लेकर इच्छा इतनी थी जिसके लिए अमरीश को अपनी जमीन भी बेचनी पड़ी, अमरीश की मां की मृत्यु वर्ष 2011 में ही हो गई थी। अमरीश के अनुसार इस कारण उसे आर्थिक दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। वहीं जब उसकी पत्नी का लेखपाल पद पर चयन हो गया। तो कुछ दिन बाद उसने अपने पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाया।
बताते चले कि वर्ष 2018 में उसकी पत्नी दीपिका का चयन लेखपाल के पद पर हो गया। जिसके कुछ महीने बाद वह अपनी आठ वर्षीय बच्ची को लेकर मायके चली गई। बाद में उसने पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए तलाक का मुकदमा दाखिल कर दिया। पारिवारिक न्यायालय कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दुर्ग नारायण सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए पत्नी की तरफ से दाखिल तलाक के मुकदमे को आधारहीन पाते हुए फिलहाल मामले को खारिज कर दिया।
पति ने गृहस्थी बचाने के लिए मांगी मिन्नते
पति के अनुसार उसने दीपिका से साथ रहने व पारिवारिक जीवन के साथ गृहस्थी को बचाने के लिए कई बार मिन्नत भी की, लेकिन उसने इन प्रयासों को नजर अंदाज कर दिया। यहां तक कि उसे अपनी बेटी से भी मिलने नहीं दिया। वहीं जब इस बारे में अमरीश की पत्नी दीपिका से संपर्क किया गया, तो उसने कुछ और ही बात बताई।
दीपिका का कहना है कि उस पर अमरीश और उसके घर वाले काफी अत्याचार करते थे। दीपिका ने बताया कि वह घर का काम करने के साथ ही प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ा कर घर का खर्च भी चलाती थी, लेकिन घरवाले इससे भी संतुष्ट नहीं थे। वह आए दिन प्रताड़ित करते थे। दीपिका ने बताया कि इसी से तंग आकर वह मायके चली गई और वहां से पढ़ लिखकर लेखपाल बन गई। जिसके बाद उन लोगों से छुटकारा पाने के लिए तलाक का मुकदमा दाखिल किया था।