ED Raid: विधानसभा चुनाव के पहले प्रवर्तन निदेशालय एक्सन में हैं। बता दे कि ED ने छत्तीसगढ़ राज्य में 10 ठिकानों पर छापा मारा हैं। जो नाम सामने आए है वो सारे नाम घोटाले से जुड़े व्यापारी और राइस मिलर्स के ही हैं। इससे पहले ED ने सिर्फ शराब घोटाले और कोल के मामले में ही छापेमारी की हैं लेकिन अब ED ने चावल घोटाला मामले में जांच शुरू कर दी हैं।
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छापेमारी ने हड़कंप मचा दिया
आपको बता दे कि ED की राइस मिलर्स पर छापेमारी ने हड़कंप मचा दिया है। वही आज सोरे छापे राइस मिलर्स या चावल व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों के ठिकानों पर पड़े हैं। वही ED की छापेमारी से हड़कंप मता हुआ हैं।
पांच से ज्यादा ठिकानों पर ED की कार्रवाई चल रही
छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग और तिल्दा के पांच से ज्यादा ठिकानों पर ED की कार्रवाई चल रही हैं। बता दे कि ईडी के अधिकारी सभी ठिकानों पर दस्तावेज खंगाल रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि ईडी के अधिकारियों ने शुक्रवार को जिन ठिकानों पर छापा मारा है। उनमें रायपुर के तिल्दा स्थित तुरुपति राइस मिल, कोरबा में मोदी राइस मिल, भिलाई के कैंबियन होटल शामिल हैं। वहीं इस छापे में कोरबा में भाजपा के कोषाध्यक्ष गोपाल मोदी के ठिकाने में भी ईडी के अधिकारियों ने दबिश दी है। पूर्व राइस मिल एसोशिएशन के अध्यक्ष और व्यवसायी गोपाल के सीतामणी स्थित निवास पर घर के दोनों दरवाजे से ईडी के अधिकारी अंदर पहुंचे।
2 टीमें दस्तावेज खंगालने में जुटी
बता दे कि ED ने होटल कैबियन और शिक्षा व्यवसाई के ठिकानों पर छापेमारी की हैं। होटल कैबियन के मालिक कमल अग्रवाल के ठिकानों पर भी ईडी के दबिश की जानकारी से मिली है। वहीं भिलाई के वैशाली नगर स्थित ठिकाने पर ईडी की दबिश की सूचना है। वहीं दुर्ग के राइस मिल एसोशिएशन के अध्यक्ष और शिक्षा व्यवसायी कैलाश रूंगटा के ठिकानों पर भी ईडी ने दबिश दी। कैलाश दुर्ग भिलाई के पुराने राइस मिलर हैं। दुर्ग स्थित न्यू दीपक नगर और एक अन्य भिलाई स्थित ठिकाने पर ईडी की 2 टीमें दस्तावेज खंगालने में जुटी हुई है। इसके अलावा रायपुर के तिल्दा न्यौरा स्थित तिरुपति बालाजी उद्योग और अमित चावल उद्योग के कई ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा है।
जानें छत्तीसगढ़ चावल घोटाला
मिली कुछ सूत्रों की जानकारी के मुताबिक नाम घोटाले या चावल घोटाला को लेकर कार्रवाई की बात कही जा रही है, दरअसल वह कथित रुप से मिलर्स से वसूली जाने वाली राशि का मामला है जो कि उसे मिलिंग के लिए प्राप्त होती थी। पूर्व ने आयकर विभाग के सर्वे में इससे जुड़े दस्तावेज मिले थे जिसके बाद आयकर ने यह मामला ईडी को सौंपा दिया था।