बाराबंकी संवाददाता : आनन्द अवस्थी बाराबंकी
बाराबंकी : एसडीएम ज्योति मौर्या का मामला आप सभी को अच्छे से याद ही होगा कि किस तरह से नौकरी मिलने के बाद एसडीएम ज्योति मौर्या ने अपने पति को छोड़ दिया । इसी तरह का एक मामला सामने आया है जहां पर एक पति अपनी पत्नी को जमीन बेचकर उसकी पढ़ाई लिखाई करवाता है और पत्नी का चयन लेखपाल के पद पर हो जाता है।
कुछ दिनों तो सब कुछ ठीक रहता है, लेकिन आखिरकार पत्नी के तेवर बदल जाते हैं और वह अपने पति को छोड़कर मायके चली जाती है। बात यहां तक नहीं रुकी पत्नी ने अपने पति से छुटकारा पाने के लिए न्यायालय में तलाक की अर्जी दे दी। सालों तक मामला चलता रहा अंत में न्यायालय ने पत्नी द्वारा देगी तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया गया, पीड़ित पति आज भी अपनी पत्नी और बेटी का इंतजार कर रहा है लेकिन पत्नी उसके साथ रहने को तैयार नहीं है।
READ MORE : अग्निशमन के कर्मियों नें अग्नि से बचाव के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन
पति पर लगाया उत्पीड़न आरोप
आपको बता दें कि यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जनपद का है जहां के सत्र थाना क्षेत्र के अंतर्गत गल्हा मऊ के निवासी अमरेश कुमार की शादी थाना जैदपुर क्षेत्र के ग्राम याकूत गंज निवासी रामचरण की बेटी दीपिका के साथ 20 फरवरी 2009 को हुई थी शादी के बाद ससुराल में ही दीपिका का ग्रेजुएशन पूरा हुआ और दीपिका ने आगे पढ़ने की इच्छा जताते है।
पति उसे पढ़ने की बात की पति अमरीश ने अपने पत्नी की इच्छा पूरी करने के लिए उसे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करवाने लगा मेहनत मजदूरी करके अपनी पत्नी की फीस जमा करता रहा अंत में जब पैसों की कमी आई तो अमरीश ने अपना खेत बेच दिया और उन पैसों से अपनी पत्नी दीपिका की पढ़ाई करवाई 2018 में दीपिका का चयन लेखपाल के पद पर हो गया इसके कुछ महीने बाद दीपिका अपनी 8 माह की बच्ची को लेकर मायके चली गई उसके बाद अपने पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए तलाक का मुकदमा न्यायालय में दाखिल कर दिया ।
नौकरी के बाद बदले पत्नी के तेवर
पीड़ित पति अमरीश ने बताया कि शादी के बाद से कभी उसकी पत्नी से कोई विवाद नहीं था सब कुछ सही तरीके से चल रहा था लेकिन जैसे ही दीपिका को नौकरी मिली उसके तेवर बदल गए अब वह उसके साथ रहना नहीं चाहती है कई बार अमरीश अपनी ससुराल जाकर अपनी बेटी से मिलना चाहा लेकिन ससुराल वालों ने उसे धमका कर वापस भेज दिया अमरीश ने बताया कि उसकी पत्नी इस समय बस्ती जनपद में लेखपाल के पद पर तैनात है और बाराबंकी न्यायालय में तलाक के लिए उसने परिवाद दाखिल किया था काफी समय तक न्यायालय में मामला विचाराधीन था।
READ MORE : बेरहम पुलिस प्रशासन, प्रदर्शन कर रहे BJP कार्यकर्ताओं पर बरसाई लाठियां..
न्यायालय ने मुकदमे को किया खारिज
लेकिन आखिरकार सच्चाई की जीत हुई और न्यायाधीश ने दीपका के द्वारा अमरीश पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए न्यायालय ने मुकदमे को खारिज कर दिया अमरीश का कहना है कि वह अपनी पत्नी से कुछ नहीं चाहता वह चाहता है कि उसकी पत्नी पहले की तरह आकर अपनी 8 वर्षीय बेटी के साथ सकून से जिंदगी बसर करें लेकिन सरकारी नौकरी की चकाचौंध में दीपिका मानो खुशी गई है वह किसी भी कीमत पर अमरीश के साथ रहना नहीं चाहती है ।
अमरीश के अनुसार वह अब दिहाड़ी मजदूरी करता है क्योंकि उसके पास जो खेती लायक जमीन थी उसने उसे बेचकर अपनी पत्नी की पढ़ाई में लगा दी अमरीश के घर पर उसकी पिता और वह अकेले हैं मजदूरी कर कर अपना और अपने पिता का पेट पाल रहा है और इस इंतजार में है कि शायद एक बार उसकी पत्नी के द्वारा की गई गलती का एहसास होगा और लौटकर फिर वापस वह अपने पति के पास आ जाएगी ।