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Pakistan Team: वर्ल्ड कप 2023 में पाकिस्तान को एक रोमांचक शिकस्त का सामना करना पड़ा। सांस रोक देने वाले इस मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने पाकिस्तान को एक विकेट से पटखनी दी। वैसे तो इस मुकाबले में शुरुआत से आखिरी तक दक्षिण अफ्रीका की टीम ही हावी नजर आई। लेकिन मैच के अंतिम ओवरों में बाजी पाकिस्तान की ओर जाने लगी थी। इस मुकाबले में पाकिस्तान ने कुछ वही गलतियां दोहराई। जो इस वर्ल्ड कप के पिछले मुकाबलों में उसके हार का कारण बनी थी। ये गलतियां क्या थी और कहां-कहां पाकिस्तान टीम से चूक हुई।
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फ्लॉप ओपनिंग पॉर्टनरशिप
पाकिस्तान को ‘करो या मरो’ के इस मुकाबले में एक अच्छी शुरुआत की जरूरत थी। जो उसकी सलामी जोड़ी नहीं दे सकी। ओपनिंग पार्टनरशिप बेहतर होने से ही टीम का मोमेंटम तय होता है लेकिन पाकिस्तान इस पूरे वर्ल्ड कप में इस मामले में फ्लॉप रही है। अब्दुल्ला शफीक तो इक्का-दुक्का मैचों में अच्छा खेले भी। लेकिन इमाम से लगभग हर मुकाबले में निराशा हाथ लगी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी यह दोनों खिलाड़ी क्रमशः 9 और 12 रन की हल्की पारियां खेलकर आउट हो गए।
आंखें जमने के बाद भी बड़ी पारी नहीं खेल पाना
पाकिस्तान के मध्य और निचले क्रम के बल्लेबाज पिच पर अच्छा वक्त गुजारने के बावजूद अपने विकेट गंवाते रहे। बाबर आजम से लेकर रिजवन, इफ्तिखार, सऊद, शादाब और नवाज ने 24 से 65 के बीच गेंदों का सामना किया और सेट होने के बाद पवेलियन लौटे। यहां कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया. इन 5-6 बल्लेबाजों में से एक भी अगर पिच पर टिका रहता तो पाकिस्तान ऑल आउट नहीं होती और स्कोर 300+ पहुंच सकता था।
शुरुआती ओवरों में जमकर लुटाए रन
पाकिस्तान ने गेंदबाजी में भी खराब शुरुआत की। पॉक बॉलर्स कसी हुई गेंदबाजी के जरिए प्रोटियाज पर दबाव नहीं बना सके। इफ्तिखार और शाहीन अफरीदी ने शुरुआती ओवरों में ही जमकर रन लुटाए। इससे प्रोटियाज बल्लेबाजों पर से दबाव पूरी तरह हट गया।
स्पिन डिपॉर्टमेंट पूरी तरह फ्लॉप
चेपॉक की पिच पर स्पिन बॉलर्स को अच्छी मदद मिलती है। लेकिन पाकिस्तान के पास इसका फायदा उठाने के लिए विशेषज्ञ स्पिनर नहीं थे। इस वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की यह सबसे बड़ी कमजोरी रही है। उसामा मीर प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं और शाबाद, नवाज और इफ्तिखार महज टाइम पास स्पिनर्स बनकर रह गए हैं। पाकिस्तानी स्पिनर्स के हिस्से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ महज दो विकेट आए। उधर प्रोटियाज स्पिनर तबरेज शम्सी ने चार पाक बल्लेबाजों को आउट किया। यह एक बड़ा फर्क था।
रन आउट के मौके गंवाना
पाकिस्तान ने वैसे इस मुकाबले में फील्डिंग में कोई बड़ी चूक नहीं की लेकिन दो मौके ऐसे थे। जहां पाक फील्डर्स मैच पलट सकते थे। दरअसल, इस मैच में एडन मारक्रम दो बार रन आउट हो सकते थे। यह आसान मौके थे। यहां डायरेक्ट हिट लगने पर मारक्रम पवेलियन लौट सकते थे। अगर यह प्रोटियाज बल्लेबाज जल्द पवेलियन लौट जाता तो संभवतः पाकिस्तान बड़े अंतर से मैच जीत सकता था। बता दें कि मारक्रम ने इस मुकाबले में 91 रन की पारी खेली।
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अंपायर का एक फैसला
तमात चूक के बाद भी पाकिस्तान की टीम इस मैच को जीतने के करीब पहुंच गई थी। दक्षिण अफ्रीका के 9 विकेट गिर चुके थे और उसे जीत के लिए 8 रन की दरकार थी। तभी 46वें ओवर की आखिरी गेंद पर हारिस रऊफ ने शम्सी के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की जोरदार अपील की। यहां अंपायर ने नॉट आउट का इशारा किया। बाबर आजम ने रिव्यू लिया और गेंद लेग स्टम्प पर हल्की टकराते नजर आई। यानी अंपायर कॉल पर आकर बात ठहर गई। अब क्योंकि अंपायर ने यहां नॉट आउट का फैसला दिया था, तो दक्षिण अफ्रीका को जीवनदान मिल गया। अगर यहां अंपायर आउट दे देते तो पाकिस्तान के लिए यह एक यादगार जीत होती।
पाकिस्तान इस मुकाबले में कुछ वही गलतियां दोहराई। जो इस अभी तक के पूरेवर्ल्ड कप के पिछले मुकाबलों मेंदोहराई और वही गलतिया पाकिस्तान के लिए उसके हार का कारण बनी। इन गलतियों से पाकिस्तान को सीख लेनी चाहिए और आगे के मैचों में अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए।