Jaunpur: जौनपुर में प्रशासन का बुलडोजर गरजने से हड़कंप मच गया। अवैध रूप से किए गए निर्माण को जमींदोज कराया गया है। आरोपी पर एक करोड़ पांच लाख तीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा प्रशासन ने अभिलेखों में पोखरे की जमीन पर फर्जी तरीके से दर्ज कराये गए नाम को रद कर सरकारी संपत्ति घोषित किया और वहां बोर्ड भी लगवाया। कार्रवाई के पहले भारी पुलिस बल और पीएसी की मौजूदगी में अधिकारियों ने मुनादी की और डुगडुगी पिटवाई।
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सबरहद गांव में मचा हड़कंप
शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के सबरहद गांव में उस समय हड़कंप मच गया कि जब बाबा का बुलडोजर लेकर प्रशासन पहुंचा। गौरतलब है कि इन जमीनों को लेकर चल रहे फर्जीवाड़े के खिलाफ मृतक पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट आशुतोष श्रीवास्तव ने आवाज बुलंद की थी। बाद में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। आज जब सरकारी बुलडोजर, राजस्व व पुलिस के उच्चाधिकारी भारी पुलिसबल के साथ सबरहद पहुंचा तो हड़कंप मच गया। सबसे पहले कोतवाल मनोज कुमार ठाकुर ने कार्रवाई के संबंध में लाउड स्पीकर से मुनादी की और डुगडुगी भी बजवाई।
आरोपी पर लगा तगड़ा जुर्माना
तहसीलदार आशीष कुमार सिंह ने बताया कि अराजी संख्या 922 आबादी चूना भट्ठी पर अवैध चहारदीवारी बनाकर अतिक्रमण किया गया था, जिसे ध्वस्त कराया गया। बता दें कि चूना भट्ठी पर मालिक के तौर पर उमैर शेख पुत्र शहाबुद्दीन के नाम और “प्रॉपर्टी बिकाऊ है” का बोर्ड लगा हुआ था। तहसीलदार ने बताया कि आरोपी पर एक करोड़, 5 लाख 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। सीओ अजीत सिंह चौहान ने बताया कि आरोपी उमैर शेख के खिलाफ बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बताते हैं कि जिस सिकंदर आलम नाम के प्रॉपर्टी डीलर का आशुतोष हत्याकांड में नाम आया है, वो भी इस जमीन की खरीद फरोख्त में सम्मिलित था।
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तहसीलदार ने क्या कहा ?
तहसीलदार आशीष सिंह ने बताया कि इसी ग्राम सभा के अराजी संख्या 1816 पर फर्जी तरीके से जामियां फारुकिया सबरहद मैनुद्दीन, नबीउल्लाह के नाम से दर्ज कराया गया था, जबकि यह सरकारी अभिलेखों में पोखरे के तौर पर दर्ज था। एसडीएम के आदेश पर इसे दोबारा पोखरे के तौर पर दर्ज किया गया और भूमि प्रबंधन समिति के सुपुर्द किया गया है। मामले में जिन राजस्व कर्मियों की मिलीभगत होगी, उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जायेगी।