Adhir Ranjan Chowdhury: पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (West Bengal Pradesh Congress Committee) के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने पद से इस्तीफा दे दिया है। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections) में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों की समीक्षा के लिए राज्य इकाई की बैठक आयोजित की गई थी। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व की ओर से अभी तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया है या नहीं।
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उत्तराधिकारी पर अटकलें जारी
चौधरी के इस्तीफे के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। चौधरी ने यह घोषणा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P. Chidambaram) के राज्य सचिवालय नबन्ना में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मुलाकात के ठीक एक दिन बाद की।
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यूसुफ पठान से हार का सामना
मुर्शिदाबाद (Murshidabad) के बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से 5 बार पार्टी के लोकसभा सांसद रहे अधीर चौधरी को तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के सेलिब्रिटी उम्मीदवार और पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान (Yusuf Pathan) ने हराया। पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रमुख नेता और राज्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को तृणमूल कांग्रेस के स्टार उम्मीदवार और क्रिकेटर से राजनेता बने यूसुफ पठान ने चौंका दिया। पठान ने चौधरी को 85,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया। चौधरी की हार के साथ, कांग्रेस ने बहरामपुर पर अपनी राजनीतिक पकड़ खो दी, जो राज्य के आखिरी बचे कांग्रेसी गढ़ों में से एक था, और बंगाल की सिर्फ मालदा दक्षिण सीट के साथ पार्टी सिमट गई।
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पार्टी में अलग-थलग चल रहे अधीर रंजन
अधीर चौधरी अपनी ही पार्टी में काफी समय से अलग-थलग महसूस कर रहे थे। उन्होंने आखिरकार बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ओर से अभी तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया है या नहीं।
यह बैठक लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल (West Bengal) में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “जब से मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं, तब से कोई प्रदेश अध्यक्ष नहीं था। अब जब पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति होगी, तब आप सभी को यह पता चल जाएगा।”
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कांग्रेस-तृणमूल के संबंधों पर मतभेद
तृणमूल कांग्रेस के साथ कांग्रेस के रिश्तों के मुद्दे पर अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) के पार्टी आलाकमान के साथ मतभेद काफी समय से सामने आ रहे थे। मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ उनके मतभेद लोकसभा चुनावों के दौरान खुलकर सामने आए थे। चौधरी तृणमूल कांग्रेस के विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं और माकपा नीत वाम मोर्चे के साथ चुनावी समझौते पर अपने विचार मुखर रूप से रखते रहे हैं।