Indian Government : नरसिंहपुर जिले में सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर बैंकों में अवैध रूप से खाते खुलवाने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह जालसाज भोले-भाले गरीब लोगों को चंद रुपयों का लालच देकर शिकार बनाकर उनके खातों से लाखों रुपए का बेनामी लेनदेन किए जा रहे थे। आरोपियों के पास से 50 अलग-अलग कंपनियों की सिम समेत बड़ी संख्या में चेकबुक, एटीएम के अलावा एक कार जब्त की गई है, पुलिस ने शनिवार शाम को दोनों आरोपियों न्यायालय में पेशकर जेल भेजा गया है।
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भारत सरकार की योजनाओं का झांसा देकर खुलवाए खाते
करेली तहसील के अंतर्गत अवरिया गांव निवासी आशिक पिता वहीद खान ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई है। उसने बताया कि आरोपी हरियाणा निवासी दिलीप नेहरा और जिले के तेंदूखेड़ा का रहने वाले जितेश खटीक ने उसके साथ फर्जीवाड़ा किया है।
आशिक के अनुसार वह दूध बेचने रोजाना आमगांव बड़ा गांव जाता है। बीती 15 अप्रैल की सुबह करीब 10 बजे यहां के बस स्टैंड में जितेश खटीक से उसकी मुलाकात हुई। उसके साथ स्कार्पियो एचआर 19 एल 4966 में दिलीप नेहरा नाम का व्यक्ति था। दोनों ने बताया कि भारत सरकार की योजना है। जिसमें वे लोगों के खाता खुलवाते हैं। जिसमें बेरोजगार लोगों को सरकार द्वारा खाते में हर माह पैसा भेजा जाता है।
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शक होने पर खातों को बंद करा दिया
यदि वह भी खाता खुलवाता है तो उसे तत्काल पांच हजार रुपए नकद मिल जाएंगे। आशिक के अनुसार उसने इन दोनों की बात मान ली और 17 अप्रैल को अपने आधार कार्ड व पेन कार्ड इनकी कार से वह नरसिंहपुर स्थित एचडीएफसी बैंक में पहुंचा, जहां उसका खाता खुलवाया गया। इसके तीन दिन बाद वह बंधन बैंक और तीन-चार दिन बाद केनरा बैंक में खाता खुलवाने गया। तीनों बैंकों में खाता खुलवाने के बाद दोनों आरोपियों ने उसे मिले चेकबुक, एटीएम के लिफाफे को ले लिया, बदले में उसे पांच हजार रुपए दे दिए। साथ ही नई सिम भी उसके आधार कार्ड पर निकलवाकर उसके खातों में एड करा दिया।
शिकायतकर्ता के अनुसार जब उसने दोनों आरोपियों से उसके एटीएम, पासबुक, आधार व पेन कार्ड की मांग की तो ये लोग आनाकानी करने लगे। बाद में इन्होंने अपने-अपने मोबाइल भी बंद कर लिए। शक होने पर उसने अपने खातों को बंद करा दिया।
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दोस्त के जरिए दबोचे गए
आशिक खान के अनुसार दिलीप नेहरा और जितेश खटीक उसके दस्तावेजों को लेकर गायब चल रहे थे। जिनकी वह तलाश कर रहा था। इसी बीच बीती 21 जून की दोपहर करीब 3 बजे ये दोनों अपनी कार से आमगांव में दिखे। संभवत: ये दोनों किसी अन्य बेरोजगार को फंसाने की फिराक में थे। इसी दौरान आशिक के दोस्त उमेश मेहरा की जालसाजों पर नजर पड़ गई। उसने इन्हें रोककर उसे सूचित किया। पहुंचने पर आरोपियों से जब आशिक ने अपने आधार, पेन, चेकबुक व एटीएम आदि मांगे तो इन्होंने देने से मना कर दिया।
पीड़ित की सूचना पर पहुंची करेली पुलिस दिलीप नेहरा और जितेश खटीक को लेकर थाने आई। यहां कार की तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से 50 सिम कार्ड, 12 चेकबुक, 7 एटीएम बरामद किए गए। आशिक की शिकायत पर आरोपियों के विरुद्ध करेली पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी, साइबर एक्ट आदि की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर इन्हें गिरफ्तार किया।
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ऑनलाइन करते थे ट्रांजेक्शन
जालसाजी के आरोपी दिलीप नेहरा और जितेश खटीक से पूछताछ में पता चला कि दोनों बेरोजगारों को लालच देकर बैंकों में खाता तो खुलवाते थे, लेकिन पासबुक में राशि का अंकन कराने के बजाय सारे ट्रांजेक्शन ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए करते थे। इसलिए आरोपियों ने कितनी राशि का फर्जीवाड़ा किया है।
इसके बारे में जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। करेली थाना प्रभारी सुभाष चंद्र बघेल के अनुसार बड़ी संख्या में सिम बरामदगी को देखते हुए साइबर सेल की टीम सक्रिय हो गई है। पता किया जा रहा है कि आखिर किन-किन लोगों के नाम पर खाते खुलवाकर कितनी राशि का लेनदेन किया गया है। राशि भेजने वाले कौन हैं। फिलहाल दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है।