Sanjay Singh News : आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर हर दिन सियासत गरमाती नजर आ रही है.पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक बार फिर प्रेस कांफ्रेंस कर तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं.संजय सिंह ने आरोप लगाया कि,बार-बार कहने के बावजूद अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है.संजय सिंह ने कहा,तिहाड़ जेल के अंदर पहले भी हत्याएं हो चुकी हैं एक नहीं कई बार यहां हत्या हुई है ऐसे में दिल्ली के सीएम की जेल के अंदर जान को खतरा है।
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संजय सिंह ने पूछा केजरीवाल का गुनाह
संजय सिंह ने कहा,3 बार के चुने हुए मुख्यमंत्री के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार क्यों किया जा रहा है?आखिर क्या गुनाह है दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जी का?यही कि उन्होंने दिल्ली के गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा दिया पूरी दिल्ली को अच्छा इलाज दिया,बिजली-पानी फ्री किया,माताओं बहनों के लिए 1000 रूपये महीने देने की योजना लाए, श्रवण कुमार बनकर बुजुर्ग माताओं-बहनों को फ्री में तीर्थ कराया क्या यही गुनाह है? क्या बिजली-पानी,पढ़ाई लिखाई और दवाई का ख्याल रखना ही उनका अपराध हो गया है।
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CCTV निगरानी में रखे जाने पर जताई नाराजगी
आप सांसद ने तिहाड़ जेल प्रशासन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर आरोप लगाया कि,सीसीटीवी में 24 घंटे अरविंद केजरीवाल को क्यों देखना चाहते हैं आप लोग? बाथरूम से लेकर खाने तक की निगरानी रखी जा रही है….क्या देखना चाहते हैं कि केजरीवाल जी कितना बीमार हुए और केजरीवाल जी का कितना मनोबल गिरा? आपका पूरा तंत्र निगरानी करता है कि,केजरीवाल की इंसुलिन बंद करने से उनकी किडनी कितनी खराब हुई? उनका लीवर कितना खराब हुआ? पूरी दिल्ली को फ्री दवाई देने वाले केजरीवाल को इंसुलिन के लिए कोर्ट जाना पड़ रहा है,ये कितने दुर्भाग्य की बात है।
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संविधान के अनुच्छेदों का दिया हवाला
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने संविधान के अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा, केजरीवाल की दवा रोकना,मूलभूत सुविधाओं से वंचित करके उनको मानसिक उत्पीड़न देना उनके जीवन जीने के अधिकारों का हनन है.ये अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार के रूप में देशवासियों को मिला है…सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि,अनुच्छेद 21 संविधान की आत्मा है क्योंकि एक नागरिक की स्वतंत्रता सर्वोपरि है.सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 की विस्तार से व्याख्या की है जिसमें स्वास्थ्य से लेकर भोजन, जमानत, त्वरित सुनवाई, दोस्तों एवं परिवार के सदस्यों से मिलने का अधिकार शामिल है।