Sanjay Singh Tihar Story: आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद जेल से बाहर आ गए है.जेल से बाहर आने के बाद वे लगातार भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहे है. इसी बीच संजय सिंह ने न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए बताया कि जेल में उनके छह महीने कैसे गुजरे. जेल में बिताए हुए पलों को याद करते हुए संजय सिंह ने बताया कि उन्होंने वहां खूब किताबें पढ़ीं और पार्टी को याद किया. आइए आपको बताते है कि संजय सिंह के तिहाड़ जेल में कैसे गुजरे दिन …
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जेल से बार आने के बाद क्या बोले संजय सिंह ?
बताते चले कि सांसद संजय सिंह बुधवार को लगभग छह महीने बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल से बाहर आए. जेल से बाहर निकलते ही भारी संख्या में पहुंचे समर्थकों ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया. जेल से निकलते ही वह दिल्ली सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मिलने पहुंचे. उन्होंने जेल में बिताए गए समय को याद करते हुए बताया कि 6 महीने जेल में रहने के दौरान वह काफी दृढ़ और बहादुरी के साथ रहे. यहां तक कि उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों से भी कहा था कि बातचीत के दौरान रोना नहीं है. संजय सिंह को पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी थी. वह करीब 6 महीने तक तिहाड़ जेल में बंद रहने के बाद 3 अप्रैल को रिहा हुए थे.
‘शुरुआती 11 दिन काफी कठिन थे’
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक संजय सिंह ने तिहाड़ के अंदर बिताए गए समय को याद किया और कहा कि शुरुआती 11 दिन काफी कठिन थे. मैं एक छोटी सी कोठरी के अंदर था और मुझे बाहर जाने की अनुमति नहीं थी. मैं पुलिस सुरक्षा में था, इसके बाद मैंने जेल प्रशासन से बात की और मांग की कि मुझे एक सामान्य कैदी के रूप में अधिकार दिए जाएं. उन्हें पुलिस सुरक्षा के तहत निश्चित समय पर बाहर जाने की अनुमति दी गई थी.
6 महीने में संजय सिंह ने कौन-कौन सी किताबें पढ़ी ?
इसी कड़ी में उन्होंने आगे कहा कि जेल में मुझे निश्चित समय पर म्यूजिक रूम, बैडमिंटन कोर्ट में जाने की अनुमति मिल गई थी. यहां तक कि खाने से संबंधित मुद्दों का भी समाधान किया गया था. लेकिन मेरे पास मोबाइल फोन नहीं था, इसलिए मैंने जेल में किताबें पढ़ने में अपना समय लगाया. AAP नेता ने बताया कि उन्होंने 6 महीने में नेल्सन मंडेला, महात्मा गांधी, डॉ. राम मनोहर लोहिया, भगत सिंह की रचनाएं पढ़ीं. 6 महीने में उन्होंने जितानी किताबें पढ़ीं, उतना पिछले 6 साल में नहीं पढ़ पाए.
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पत्नी के बारे में क्या बोले संजय सिंह ?
आगे उन्होंने कहा कि मेरा मनोबल काफी ज्यादा मजबूत है और इससे आगे की लड़ाई और भी ज्यादा आसान होगी. बता दे कि जब संजय सिंह जेल में थे,तब उनकी पत्नी अनीता सिंह ने ही सब कुछ संभाला था. इस पर संजय सिंह ने कहा कि अनीता सिंह ने बहादुरी के साथ समय काटा. उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार के लिए ये एक कठिन स्थिति है, अगर वे ऐसी परिस्थितियों से जूझते हैं. लेकिन सवाल ये है कि हम मजबूती से कैसे खड़े रह सकते हैं? मैं बहुत सतर्क था. मुझे पता था कि कैदियों और उनके परिवारों के बीच होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रिकॉर्ड की जाती है.
उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार को जेल के दिलचस्प किस्सों या किसी मजेदार घटना से खुश करने की कोशिश करेंगे. संजय सिंह ने कहा कि वह अपने परिवार को ऐसी कहानियां सुनाएंगे, जो उन्हें हंसाएं. पहले दिन उन्होंने मुझसे पूछा कि आप कैसे हैं, आपकी सेहत कैसी है, तो मैंने उनसे कहा कि हमेशा मुझसे पूछें ‘जेल वाले कैसे हैं’. किसी को रोने की इजाजत नहीं थी. मैंने उन्हें बताया कि ये सब रिकॉर्ड किया जा रहा है. कुछ लोग उन्हें रोते हुए या संजय सिंह को उदास देखकर खुश होंगे.
एक जेल नंबर से दूसरे नंबर में शिफ्ट करने पर क्या बोले?
आपको बता दे कि संजय सिंह को जेल नंबर दो में सेल नंबर 28 में रखा गया था, लेकिन बाद में उन्हें जेल नंबर पांच में शिफ्ट कर दिया गया था. इस बारे में उन्होंने कहा कि ये काफी अजीब है. मुझे जेल नंबर दो से जेल नंबर पांच में शिफ्ट कर दिया गया. मनीष सिसौदिया अलग जेल में हैं और सत्येन्द्र जैन अलग जेल में हैं. मुझे नहीं पता कि वे हमें इतना बड़ा आरोपी क्यों मानते हैं कि हम सभी को अलग-अलग जेलों में चौबीसों घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया था.
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