गाजियाबाद संवाददाता- प्रवीन मिश्रा
गाजियाबाद में सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी तेजी के साथ वायरल हो रही है जिसमें वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के नाम के साथ में जिलाधिकारी को संबोधित करते हुए डीएम द्वारा भाजपा नेताओं को पिलाई गई चाय के ₹700 वापसी का एक पत्र है जिसमें वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने अपने अपमान और मुख्यमंत्री से न मिलने की बात कह कर रोष जाहिर किया है । इसको लेकर जब गाजियाबाद के पूर्व विधायक और एमएलसी प्रशांत चौधरी सिर्फ बातचीत की गई तो उन्होंने बताया सुबह के समय संगठन की तरफ से उन्हें फोन आया था की 9:30 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई जाएगी उसके बाद वह समय 9:00 बजे का कर दिया गया और उसे मुलाकात के लिए केवल चुनिंदा 10 से 15 व्यक्तियों को ही आमंत्रित किया जा रहा है और वह सभी वरिष्ठ कार्य करता है
इसके बाद सभी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से मिलने के लिए गंगाजल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थित गेस्ट हाउस पर पहुंच गए प्रशासन ने आधे घंटे उन्हें बिठाकर चाय आदि पिलवाई और उसके बाद उनकी वार्ता करने की बजाय उन्हें गेट के पास लाइनअप कर दिया गया जिसमें केवल मुख्यमंत्री को जाते हुए अभिवादन करना था कार्यक्रम में बदलाव की बात सुनकर वरिष्ठ कार्यकर्ता नाराज हो गए और इसे अपना अपमान बताने लगे और वहां से जाने लगे जिसे देखकर प्रशासन में हड़कंप पहुंच गया
चाय के पैसे लौटाने की बात कहते हुए वहां से निकल लिए…
डीएम समझाने बुझाने के लिए वहां पहुंचे जिलाधिकारी ने सम्मान में कमी की बात कहे जाने पर वरिष्ठ नेताओं से हल्के अंदाज में कह दिया आपको हमने चाय पिलाई है अपमान कहां किया है । इसके बाद वरिष्ठ नेता और भड़क गए और उन्हें चाय के पैसे लौटाने की बात कहते हुए वहां से निकल लिए । इसके बाद भाजपा नेताओं द्वारा चाय के पैसे लौटाने और पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा और बीजेपी संगठन के में सहित प्रशासनिक अधिकारी डैमेज कंट्रोल में जुड़ गए गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए स्थिति स्पष्ट की है संगठन की तरफ से जो कार्यक्रम तथा उसमें खाली कार्यक्रम स्थल पर बुलाया जाना था प्रॉक्सिमिटी पास की कोई बात नहीं की गई थी ना ही किसी ने मिलने की बात कही थी। हालांकि अब जिलाधिकारी महोदय भी वीडियो बीते जारी करने की बजाय अपना वजन सोशल मीडिया पर जारी किया हुआ बयान ही बता रहे हैं वही वरिष्ठ नेता भी संगठन और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी की बात कहते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि चिट्ठी के सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद सोशल मीडिया पर लोग तमाम तरीके की प्रतिक्रिया देते हुए नजर आ रहे हैं।।
रजिस्टर्ड डाक द्वारा जिलाधिकारी को भेज दिया…
वही गाजियाबाद के वरिष्ठ नेता राजेंद्र त्यागी ने कहा पहले उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने का कार्यक्रम तय किया गया था जिसका कार्यक्रम महानगर संगठन की ओर से बताया गया था बाद में जिला प्रशासन द्वारा इंतजार कराए जाने पर बाद में गेट के पास लाइनअप होने की बात कह दी गई जिलाधिकारी राकेश सिंह ने कुछ ऐसे लहज़े में बात की जिससे वरिष्ठ कार्यकरता नाराज हो गए और मुख्यमंत्री से बिना मिले ही बाहर जाने लगे इसके बाद जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह वरिष्ठ नेताओं के पास पहुंचे और उनसे चाय पिलाने की बात कह दी इसके बाद नाराज नेता और भड़क गए और जिलाधिकारी को चाय के पैसे लौटाने की बात कहते हुए वहां से निकल आए वरिष्ठ नेताओं ने जब चाय के पैसे जिलाधिकारी कार्यालय में भिजवाए तो वहां स्वीकार करने से मना कर दिया जिसको बाद में रजिस्टर्ड डाक द्वारा जिलाधिकारी को भेज दिया गया है ।
नेताओं की मुलाकात मुख्यमंत्री से कराई जाए…
राजेंद्र त्यागी ने साफतौर पर यह भी कहा कि प्रशासनिक अधिकारी नहीं चाहते थे की वरिष्ठ नेताओं की मुलाकात मुख्यमंत्री से कराई जाए क्योंकि उन्हें डर था कि यदि मुख्यमंत्री प्रशासनिक अधिकारियों के कामकाज का फीडबैक वरिष्ठ नेताओं से लेंगे तो वह उनकी कोई शिकायत ना कर दें राजेंद्र त्यागी गाजियाबाद जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के दो पदों पर होने की बात को भी कहते हुए नजर आए कि जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के वी सी और जिला अधिकारी का पद संभाले हुए हैं ऐसे में गाजियाबाद की जनता वरिष्ठ नेताओं के पास पहुंचकर सवाल करती है कि क्या बीजेपी के राज्य में अच्छे अधिकारियों की कमी है जो एक अधिकारियों को ही दो पद सोप जा रहे हैं इसको लेकर भी जिलाधिकारी के मन में डर था जिससे उनकी मुलाकात नहीं कराई गई।।
वही गाजियाबाद जिलाधिकारी ने सोशल मीडिया पर लिखते हुए बताया भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बुलाए जाने का कार्यक्रम था जिसको लेकर सूची भी जारी की गई थी प्रॉक्सिमिटी पास जारी नहीं किए गए थे मिलने की बात किसी के द्वारा न कही गई थी ना कोई कार्यक्रम था।