Lucknow News: लखनऊ (Lucknow) के फैजुल्लागंज इलाके में वर्चस्व और रंजिश के चलते नाई की दुकान में घुसकर दो भाइयों और उनके दो साथियों ने मिलकर एक युवक की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी। इस वारदात के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। मृतक के चाचा ने मड़ियांव थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस की तीन टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी हैं। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।
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घटना का विवरण
फैजुल्लागंज के मिल्लतनगर निवासी अबरार अहमद और उनका बेटा ओसामा (23) मुंबई में रहते थे। आठ दिन पहले ओसामा मुंबई से लौटकर आया था। शनिवार शाम करीब चार बजे वह महफूज की दुकान पर बाल कटवाने गया था। जैसे ही ओसामा सीट पर बैठा, मोहल्ले के दो भाई कासिम लाला और हाशिम लाला अपने दो साथियों के साथ वहां पहुंचे और ओसामा पर टूट पड़े। हाशिम ने चाकू से ओसामा के सीने पर हमला किया और कासिम ने कमर पर वार किए। अन्य आरोपियों ने भी ताबड़तोड़ चाकू मारे। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।
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पुलिस और फॉरेंसिक टीम की कार्रवा
सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और ओसामा को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डीसीपी ने बताया कि पुलिस की तीन टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी हैं, लेकिन हत्या के पीछे की वजह अभी साफ नहीं हो सकी है। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके से खून के नमूने जांच के लिए एकत्र किए हैं।
“लाला गैंग” का आतंक
स्थानीय लोगों के अनुसार, फैजुल्लागंज इलाके में “लाला गैंग” का दबदबा है। यह गैंग जमीन और छोटे-मोटे विवादों को निपटाने का काम करता है। ओसामा भी इसी गैंग का सदस्य था, लेकिन कुछ समय पहले उसने गैंग छोड़कर अपने साथियों के साथ नया गैंग बना लिया था। इस कारण लाला गैंग नाराज हो गया था। इसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई के चलते लाला गैंग ने ओसामा की हत्या की।
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चाचा अंसार अहमद का बयान
ओसामा के चाचा अंसार अहमद का घटनास्थल के पास ही कारखाना है। घटना के वक्त वह कारखाने पर ही थे। ओसामा पर हमला होते ही दुकान में मौजूद लोग शोर मचाते हुए बाहर की तरफ भागे। अंसार भी शोर सुन बाहर निकले तो देखा कि आरोपी ओसामा पर चाकुओं से हमला कर रहे थे। नाई ने ओसामा को बचाने का प्रयास किया, पर आरोपियों ने उसे धमका दिया। अंसार ने भी भतीजे को बचाने का प्रयास किया, लेकिन आरोपियों ने उन्हें भी चाकू लेकर दौड़ा लिया। किसी तरह अंसार जान बचाकर भागे।
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पहले भी हुआ था हमला
अंसार अहमद के अनुसार, 19 जुलाई को ओसामा के दोस्त अभय पर करीम लाला, अंकुर ठाकुर, तुषार और अर्सलान ने लोहे की रॉड से हमला किया था। घटना के वक्त अभय अपने दोस्त नंदू को घर छोड़कर लौटा था। मामले में अभय ने 20 जुलाई को मड़ियांव थाने में शिकायत की थी। पुलिस ने एनसीआर दर्ज की थी, लेकिन आरोपियों ने ओसामा को भी जान से मारने की धमकी दी थी। परिजनों का आरोप है कि समय रहते पुलिस ने कड़ी कार्रवाई नहीं की, जिससे ओसामा की जान गई। यह घटना बताती है कि कैसे वर्चस्व की लड़ाई और पुलिस की लापरवाही एक युवक की जान ले सकती है। प्रशासन को इस मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दिलानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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