Samastipur Inspirational :बिहार के समस्तीपुर में 11 साल के लड़के की समझदारी से बड़ा रेल हादसा टल गया। मुजफ्फरपुर अप रेलखंड पर एक बड़े ट्रेन हादसे को एक 11 साल के बच्चे ने अपनी सूझबूझ से रोक दिया। यही नहीं उसमें सफर कर रहे 1300 यात्रियों की जान बच गई। मामला बिहार के समस्तीपुर का है।
यहां हावड़ा से काठगोदाम जा रही बाघ एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार होने से बच गयी। दरअसल, रेल की टूटी पटरी देख एक किशोर ने सूझबूझ का परिचय दे गमछा हिला ट्रेन को रुकवाया। इस बच्चे की सूझबूझ और हिम्मत की जमकर तारीफ हो रही है।
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गमछा हिलाते देख ट्रेन के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया
सूत्रों के मुताबिक करीब एक घंटा विलंब से चल रही बाघ एक्सप्रेस शनिवार की सुबह 9.44 बजे समस्तीपुर स्टेशन पहुंची। उसके बाद 10.02 बजे आगे के लिए खुली। स्टेशन से आगे बढ़ने पर भोला टाकीज गुमटी से आगे अप लाइन पर रेल की पटरी टूटी हुई थी। उसी समय न्यू कॉलोनी निवासी मो. शकील का 11 वर्षीय पुत्र मो. शाहबाज रेल लाइन होकर अपने घर जा रहा था।
उसकी टूटी पटरी पर नजर पड़ी। उसी समय स्टेशन की ओर से आ रही ट्रेन भी दिखी। उसने अपने गले में लपेटा रंगीन गमछा हिलाना शुरू कर दिया। उसे गमछा हिलाते देख ट्रेन के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया तब तक ट्रेन की तीन बोगी टूटी पटरी पार कर चुकी थी।
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ट्रेन करीब 45 मिनट रुकी रही
वहीं ट्रेन रोकने के बाद लोको पायलट विद्यासागर नीचे उतरे और किशोर से गमछा हिलाने का कारण पूछा तो उसने पटरी टूटी होने की जानकारी दी। तब तक ट्रेन के गार्ड अरुण कुमार दुबे भी पहुंच चुके थे। लोको पायलट व गार्ड ने टूटी पटरी देखने के बाद विभाग को सूचना दी। जिसके बाद ट्रैक मेंटनेंस टीम पहुंची और पटरी की मरम्मत की। तब ट्रेन आगे बढ़ी। मरम्मत के कारण ट्रेन करीब 45 मिनट रुकी रही।
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बच्चे को बुलाकर सम्मानित किया जाएगा
डीआरएम ने बताया कि बच्चे ने बहुत अच्छा काम किया है। हम चाहते है कि ऐसी जागरूकता बच्चों में आए। देश के सेफ्टी में सभी लोग योगदान करें। इसलिए हमने निर्णय लिया है कि बुधवार को उक्त बच्चे को बुलाकर उसे सम्मानित किया जाएगा।